कत्ल के झूठे आरोप में 5 साल जेल में  काटकर आए निर्दोष दंपति, अब अनाथालय से लापता हैं दोनों बच्चे

punjabkesari.in Sunday, Mar 21, 2021 - 09:02 AM (IST)

प्रयागराजः निर्दोंष को सजा वास्तव में समाज का एक बहुत गहरा कलंक है जिसे मिटाया नहीं जा सकता है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के आगरासे है जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के झूठे मुकदमे में दंपत्ति को सजा सुनाई। वही पांच साल जेल में बिताने वाले दंपती के बच्चों को अनाथालय में डाल दिया गया था, जहां से अब वह लापता है। वहीं सौंपे गए दो बच्चों के लापता होने के पत्र पर सुओ मोटो संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट के साथ जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने लुकिंग फॉर जस्टिस नामक जनहित याचिका पर दिया है।

बता दें कि वर्ष 2015 में पांच साल के बच्चे की हत्या के आरोप में दो बच्चों के माता-पिता के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने दंपती को जेल भेजते हुए उनके पांच वर्षीय पुत्र व तीन साल की बेटी को अनाथालय भेजने का आदेश दिया। अपर सत्र न्यायाधीश आगरा ने पांच साल बाद चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए दंपती को बरी कर दिया और कहा कि विवेचनाधिकारी ने जल्दबाजी में विवेचना पूरी कर वाहवाही लूटने के लिए हड़बड़ी मे चार्जशीट दाखिल कर दी। उन्होंने वास्तविक अपराधी को तलाशने की कोशिश नहीं की।दंपती के खिलाफ हत्या के आरोप का कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किया गया।

पांच साल बाद रिहा जेल से छूटने पर दंपती ने अपने दोनों बच्चों की तलाश शुरू की। उनका कहीं पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से गुहार लगाई। कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा। झूठे केस और पुलिस की लापरवाही से एक परिवार की जिंदगी बर्बाद होने की कगार पर खड़ा है।

 


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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