60 दिनों के भीतर निचली अदालत में आत्मसमर्पण करें इंस्पेक्टर रामसेवक: हाईकोर्ट
punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 02:38 PM (IST)
बरेली,(जावेद खान): स्मैक तस्करों को सात लाख रुपये लेकर छोड़ने के आरोप में फंसे फरीदपुर थाना प्रभारी रहे इंस्पेक्टर रामसेवक को हाईकोर्ट से अस्थायी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने इंस्पेक्टर की एफआईआर खारिज करने की अपील को खारिज करते हुए उन्हें 60 दिनों के भीतर निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। अगर इंस्पेक्टर निर्धारित समय में आत्मसमर्पण नहीं करते, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
21 अगस्त को फरीदपुर थाने से फरार हो गए थे इंस्पेक्टर
आप को बता दें कि 1 अगस्त का है, जब इंस्पेक्टर रामसेवक ने स्मैक तस्कर आलम, नियाज अहमद, और अशनूर को हिरासत में लिया। बाद में, उन्हें कार्रवाई किए बिना छोड़ने के लिए नौ लाख रुपये में सौदा किया गया, जिसमें से सात लाख रुपये प्राप्त होने के बाद आलम और नियाज को छोड़ दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के आदेश पर तत्कालीन एसपी साउथ मानुष पारीक ने इंस्पेक्टर के घर पर छापा मारा, जहां से 9.85 लाख रुपये बरामद हुए। इस दौरान इंस्पेक्टर रामसेवक अपनी सरकारी पिस्टल और 10 कारतूस के साथ दीवार कूदकर फरार हो गए।
इंस्पेक्टर के खिलाफ फरीदपुर थाने में दर्ज हैं दो मुकदमे
इंस्पेक्टर के खिलाफ फरीदपुर थाने में दो अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज की गई हैं, और उनकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इंस्पेक्टर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह तर्क दिया था कि उनके खिलाफ मामला दुर्भावनापूर्ण इरादे से दर्ज किया गया है, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी एफआईआर खारिज करने की अपील नामंजूर कर दी। हालांकि, अदालत के आदेश के बाद उनकी गिरफ्तारी पर अस्थायी रोक लग गई है। इंस्पेक्टर रामसेवक की गिरफ्तारी के लिए तत्कालीन एसपी साउथ मानुष पारीक की निगरानी में एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसमें सीओ हाईवे नितिन कुमार के नेतृत्व में सर्विलांस सेल प्रभारी इंस्पेक्टर रामगोपाल शर्मा, एसओजी प्रभारी सुनील कुमार शर्मा, साइबर सेल प्रभारी अभिषेक सिंह, और कई अन्य अधिकारी शामिल हैं, जो फरार इंस्पेक्टर की तलाश में लगे हुए हैं।