इविवि प्रोफेसर के विषय में खुफिया तंत्र तेजी से कर रहा पड़ताल, नौकरी से बर्खास्त

punjabkesari.in Friday, Apr 24, 2020 - 07:52 PM (IST)

प्रयागराजः दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी मरकज ने देश भर में कोरोना के खतरे को और भी फैला दिया है। इसके आरोपितों में विदेशी जमाती भी रहे इनके साथ ही वे भी जिन्होंने अवैध तरीके से इन्हें पनाह दी। इसी में एक हैं इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद जिनपर अब कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। प्रोफेसर के बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है। साथ ही नौकरी उन्हें नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया है।

बता दें कि जमातियों के साथ प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद प्रोफसर ने अवैध ढंग से विदेश से आने वाले जमातियों को शहर की मस्जिद में रूकवाए थे इसके साथ ही वह खुद तब्लीगी जमात में शामिल होने की बात छिपाए। शहर में जमातियों के साथ इससे पहले भी कई गतिविधियों में शामिल रहे प्रोफेसर को कई विदेशी जमातियों के साथ जेल भेजा गया है।

खुफिया तंत्र को चार-चार मोबाइल फोन रखने वाले प्रोफेसर के तीन बैंक  खातों की जानकारी हुई है। अब खुफिया विभाग इनके सभी बैंक खातों की पड़ताल कर सकता है। बैंक से इस बाबत कई सूचना मांगी गई है। अब खुफिया विभाग को बैंक  के उत्तर का इंतजार है। इलाहाबाद केंद्रीय विवि ने भी प्रोफेसर पर की गई हर प्रकार की कार्रवाई की जानकारी पुलिस से मांगी है, ताकि रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजी जा सके। माना जा रहा है कि प्रोफेसर को बर्खास्त भी किया जा सकता है।

प्रोफेसर का पासपोर्ट जब्त
प्रशासन ने प्रोफेसर का पोसपोर्ट जब्त कर लिया है। निजामुद्दीन की मरकज में तब्लीगी जमात से हिस्सा लेकर बिहार के गया जा रहे विदेशी जमातियों को वीजा नियमों का उल्लंघन कर प्रयागराज में रुकवाने के बाद से ही प्रोफेसर खुफिया एजेंसियों के निशाने पर आ गए थे। शाहिद के खिलाफ पुलिस ने आठ अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया और तीन दिन पहले उन्हें सेंट्रल जेल नैनी भेजा गया। पुलिस समेत कई एजेंसियां प्रोफेसर की गतिविधियों समेत अन्य बिंदुओं पर जांच कर रही हैं।


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Author

Moulshree Tripathi

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