हमीरपुर में अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश: नौकरी दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी... लैपटॉप-मोबाइल सहित लग्जरी गाड़ी बरामद

punjabkesari.in Saturday, Sep 24, 2022 - 10:38 PM (IST)

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से अब तक लगभग 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने शनिवार को पर्दाफाश कर इस गिरोह के तीन वांछितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से नगदी और विभिन्न बैंकों की चेकबुक के साथ 190 व्यक्तियों के आधार व पेन कार्ड बरामद किये है।

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नौकरी के नाम पर शहवाज खान से ठगे 3 लाख
हमीरपुर के पुलिस अधीक्षक शुभम पटेल ने आज बताया कि मौदहा थाना क्षेत्र के मदारपुर गांव के निवासी शहवाज खान से नौकरी दिलाने के नाम पर नामजद अभियुक्त इंतजार खान ने करीब तीन लाख रुपये लिये थे। जब उसे नौकरी नहीं मिली तो मौदहा थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। पुलिस ने मामले की छानबीन की जिसमें मौदहा क्षेत्र से अंकित त्रिपाठी निवासी लच्छीपुर थाना मल्लावा जिला हरदोई, सूरज कुमार निवासी ग्राम हरथला थाना सिविल लाइन जिला मुरादाबाद व इंतजार खान निवासी मधिया थाना मुगलसराय जिला चंदौली को गिरफ्तार किया गया।
       
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आरोपियों के पास कई दस्तावेज बरामद
पुलिस ने इनके पास से एक कार, चार लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंको की 18 पासबुक, अंगूठी लॉकेट, विधायक का स्टीकर, 10 सिम कार्ड के अलावा 190 व्यक्तियों के आधार कार्ड, पेन कार्ड, सौ कंपनियों के लोगो, ज्वाइनिंग लेटर का फार्मेट समेत अन्य अवैध सामग्री बरामद की है। यह नहीं पुलिस ने आरोपियों के पास से एक एक्सयूवी कार भी बरामद की है, जिस पर आरोपियों ने भाजपा का झंडा लगाया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन्होंने तीन साल में दर्जनों लोगों से नौकरी दिलाने क नाम पर 05 से 70 लाख रुपये तक की वसूली की।       

कानपुर और हरदोई से लेकर उत्तराखंड तक के लोग हुए ठगी के शिकार
पुलिस ने इस गिरोह की ठगी के शिकार हुए लोगों के नाम भी सार्वजनिक करते हुए बताया कि इनमें कानपुर और हरदोई से लेकर उत्तराखंड तक के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस गिरोह के अन्य वांछित अमित, अनुराग त्रिपाठी और अभिषेक पांडेय की भी तलाश है। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के सदस्यों ने हर तरह की नौकरी दिलाने की अलग अलग कीमत तय कर रखी थी। ये लोग बेरोजगार अभ्यर्थियों को अपनी बातों में फंसाकर उनसे पैसे ऐंठते थे। इतना ही नहीं गिरोह ने कथित तौर पर कानपुर में घंटाघर, रेलवे स्टेशन, गुजैनी और इनकम टैक्स ऑफिस के पास फर्जी ढंग से अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग भी देने के इंतजाम कर रखे थे।


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Content Writer

Mamta Yadav

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