एक महिला के 25-25 बच्चे... अब ये नहीं चलेगा! चीन और Pok पर भी कब्जा करेंगे, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने लव जिहाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जताई चिंता
punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 02:07 PM (IST)
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में आयोजित सात दिवसीय श्री कल्कि कथा इन दिनों भक्तिमय माहौल में आगे बढ़ रही है। ऐंचोड़ा कंबोह इलाके में चल रही कथा में तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के दर्शन और प्रवचन सुनने के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
कथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने समाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लव जिहाद को गंभीर चुनौती बताते हुए कहा कि “आज हिंदू कन्याओं को लव जिहाद के नाम पर फंसाया जा रहा है, यह बेहद चिंताजनक है।” इसके साथ ही उन्होंने पड़ोसी देशों पर भी कड़ा संदेश देते हुए कहा, “भारत का नाम मिटाने की सोचने वालों कान खोलकर सुन लो, वह समय दूर नहीं जब पीओके हमारा होगा। पड़ोसी देश का नाम भूगोल से ही मिट जाएगा। चीन पर भी कब्जा होगा।” इस दौरान उन्होंने समान नागरिक संहिता की जरूरत पर भी बल दिया।
भगवान कल्कि के जन्म और नामकरण की कथा
जगद्गुरु ने भगवान कल्कि के जन्म से जुड़ी पौराणिक कथा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भिक्षु रूप में आए वेदव्यास, परशुराम और कृपाचार्य ने भगवान कल्कि का नामकरण संस्कार किया और उनका नाम कल्कि शर्मा रखा। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में अंतिम संतान होने पर गर्भवती महिला मायके चली जाती थी। इसी परंपरा के तहत सुमति माता कम्बोज नगर (वर्तमान ऐंचोड़ा कंबोह) आ गईं, जहां भगवान कल्कि का जन्म हुआ। इसके बाद अन्नापूर्णा शर्मा ने उनका पालन-पोषण किया।
68 तीर्थों और 19 कूपों का उद्धार
कथा में बताया गया कि ननिहाल से लौटने के बाद भगवान कल्कि ने 68 तीर्थों और 19 कूपों को विधर्मियों से मुक्त कराया और वैदिक धर्म की पुनः स्थापना की। जगद्गुरु ने भक्तों से कहा कि “भगवान कल्कि कई चरणों में अवतार कार्य करते हैं और पापाचार का संहार करेंगे।”
वंदे मातरम के नारों से गूंजा पंडाल
कथा के अंत में भक्तों ने उत्साहपूर्ण माहौल में वंदे मातरम के नारे लगाए। कथा स्थल पर भक्ति और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।

