जया बच्चन बोलीः महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ नहीं है समाजवादी पार्टी लेकिन...
punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2023 - 10:01 PM (IST)

नई दिल्लीः राज्यसभा में बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा कि वह लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले विधेयक के खिलाफ नहीं है लेकिन उसकी मांग आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था लागू करने की है। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023' पर उच्च सदन में हुई चर्चा में भाग लेते हुए सपा सदस्य जया बच्चन ने कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ नहीं है लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं।
ये वहीं शर्तें हैं, जिनका जिक्र अन्य दल कर रहे
उन्होंने कहा कि ये वहीं शर्तें हैं, जिनका जिक्र अन्य दल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था हो और 15-20 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महिलाओं खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित हों। उन्होंने कहा कि 2010 में जब राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक आया था तो सुषमा स्वराज, बृंदा कारत जैसे नेताओं का लंबा भाषण हुआ।
विधेयक पारित हुआ तो भाजपा-माकपा गले मिले लेकिन गाली सपा को दी गई
उन्होंने कहा कि जब विधेयक पारित हो गया तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) आपस में गले मिले लेकिन गाली उनकी पार्टी सपा को दी गई। जया बच्चन ने कहा कि सपा आज भी इस विधेयक के विरोध में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नीत सरकार वास्तव में गंभीर है तो उन्हें आगामी चुनाव में 33 प्रतिशत टिकट अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम महिलाओं को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के प्रति काफी हमदर्दी दिखायी थी।
अगर सरकार वास्तव में इसे लागू करना चाहती है तो…
उन्होंने कहा कि अगर सरकार वास्तव में इसे लागू करना चाहती है तो उसे इस विधेयक को पारित कराना चाहिए और सिर्फ प्रचार के लिए ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत इस सरकार की आदत है कि वे खूब प्रचार करते हैं और लोग उनके प्रचार एवं वीडियो देख-देख कर तंग आ गए हैं। आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने आरोप लगाया कि यह सरकार महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़े कई मुद्दों पर चुप रही। उन्होंने कहा कि जब इस विधेयक के कानून बनने में देर होगी तो इसे अभी पारित करने की क्या जल्दबाजी थी।
विधेयक के रास्ते में अड़चन तैयार की जा रही
उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक के रास्ते में अड़चन तैयार की जा रही है। बीजू जनता दल (बीजद) के सुजीत कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से इसकी पक्षधर रही है और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट देने में इसका पालन किया था। उन्होंने कहा कि लोकसभा में उनकी पार्टी के सांसदों में महिलाओं की संख्या 42 प्रतिशत है। उनकी ही पार्टी की सुलता देव ने भी विधेयक का समर्थन किया और कहा कि उनके प्रदेश में पहले से ही महिलाओं को अधिकारसंपन्न बनाने पर जोर दिया जाता रहा है। तेदेपा के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव ने 1985 में ही महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी का कानून बनाया था जिसे अन्य राज्यों ने भी अनुसरण किया।