'हिंदू-मुस्लिम विरोधी हैं जिन्ना, नहीं मानते उन्हें अपना आदर्श'

punjabkesari.in Sunday, May 06, 2018 - 11:31 AM (IST)

सहारनपुरः उत्तर प्रदेश में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर बहस छिड़ गई है। इतना ही नहीं इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरु हो गई है। इसी कड़ी में इस्लामिक संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने जिन्ना को हिन्दू-मुस्लिम विरोधी करार दिया है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि न तो कभी हमारे बुजुर्गों ने जिन्ना को अपना आदर्श माना है और न ही हम मानेंगे। जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने पर देश भर में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं अलीगढ विश्वविद्यालय में पुलिस ने निहत्थे छात्रों पर बल प्रयोग कर लाठियां बरसाई हैं।

मदनी ने कहा कि जिन्ना की तस्वीर ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसके लिए यूनिवर्सिटी के छात्रों को अपनी जान और इज्जत का बलिदान करना पड़े। उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने जिन्ना को अपना आदर्श कभी नहीं माना और न ही कभी उनके सिद्धांत का समर्थन किया। जिन्ना की तस्वीर को मुद्दा बनाकर जिस तरह से प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय में विरोध किया और पुलिस ने निहत्थे छात्रों पर लाठी चार्ज किया है उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की सांप्रदायिक उत्तेजनाओं के कारण अल्पसंख्यक समाज पर अंगुली उठाई जा रही है कि हमारा रवैया अल्पसंख्यकों, उनके धर्मों और उनके संस्थानों के प्रति निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों से धैर्य से काम लेने और परंपराओं का दामन मजबूती से पकड़े रहने की अपील की। 


  

 


 


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Tamanna Bhardwaj

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