Mathura News: चेहरे पर घूंघट और हाथ में लट्ठ... कड़ी सुरक्षा के बीच खेली गई बरसाने में लट्ठमार होली

punjabkesari.in Monday, Mar 18, 2024 - 11:40 PM (IST)

Mathura News, (मदन सारस्वत): राधा रानी की जन्म स्थली बरसाने में आज विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली का आयोजन किया गया। जिसमें देश-विदेश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु बरसाना पहुंचे। विश्व भर में बरसाने की होली अपने आप में एक अलग स्थान रखती है। इसी क्रम में आज विश्व प्रसिद्ध बरसाना की लट्ठमार होली बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ खेली गई। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
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राधारानी रुपी गोपियों ने नंदगाँव के कृष्ण रुपी हुरियारों पर जमकर लाठियां बरसाईं। हंसी ठिठोली, गाली, अबीर-गुलाल तथा लाठियों से खेली जाने वाली इस लट्ठमार होली का आनंद देश-विदेश के कोने-कोने से आए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने राधा रानी के धाम बरसाने पहुंचकर आनंद लिया। और अपने आप को इस होली में सम्मिलित होकर धन्य माना। माना जाता है कि देव लोक से देवताओं भी इस होली को देखने के लिए किसी न किसी रूप में बरसाना में उपस्थित होते हैं।
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ब्रज की अधिस्ठात्री देवी राधा रानी जी के धाम बरसाने  की कुन्ज गलीयों ओर रंगीली चोक का अद्भुत अलौकिक दृश्य देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु लाडली जी के धाम पहुंचे। रंगीली चौक पर  लठमार होली का अनूठा नजारा देखने को मिला, नंदगाँब के कृष्ण रुपी हुरियारों पर बरसाना की राधा रूपी सखियों ने प्रेम भरी लाठियां जमकर बरसाई। इस दौरान ब्रज की होलियो का संगीत और हंसी ठिठोली के साथ अबीर गुलाल के अद्भुत रंग के इस होली को देखने को मिले। द्वापर युग से चली आ रही इस  परंपरा को  नंद गांव और  बरसाने बासी अनुसरण करते  आ रहे है।  ब्रज की होली भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम की अनूठी मिसाल है। ब्रज के कण-कण में भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम की झलक देखने को मिलती है। कहा जाता है कि बरसाना की  कुंज गलियों में इस होली के अद्भुत द्रश्य को देखने के लिए  देवता भी किसी न किसी रूप में इस प्रेम भरी होली में शामिल होते हैं।
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राधा की जन्म भूमि बरसाना में यहां फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर नंदगांव के लोग होली खेलने के लिए आते है। बरसाने की महिलाएं इनसे लट्ठमार होली खेलती हैं और दशमी पर रंगों से होली खेली जाती है। इस परंपरा के बारे में कहा जाता है कि श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ बरसाना होली खेलने आते थे। होली की मस्ती में राधा अपनी सखियों के साथ श्रीकृष्ण और उनके साथियों पर डंडे बरसाती थीं। तभी से बरसाना में लट्ठमार होली की परंपरा चली आ रही है।

 


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Content Editor

Mamta Yadav

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