दिहाड़ी मजदूर से भी बदतर है एक ''होमगार्ड'' की जिंदगी: होमगार्ड ऐसोसिएशन

punjabkesari.in Thursday, Oct 17, 2019 - 10:24 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा होमगार्ड कर्मियों के बारे में लिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले की पृष्ठभूमि में होमगार्ड ऐसोसिएशन ने दावा किया है कि होमगार्ड कर्मचारियों को बेहद खराब हालात में काम करना पड़ रहा है और उनकी स्थिति दिहाड़ी मजदूर से भी बदतर है। ‘उप्र होमगार्ड अवैतनिक कर्मचारी एसोसिएशन' के अध्यक्ष मुकेश द्विवेदी ने होमगार्ड कर्मियों का दुख दर्द बयान किया । वह कहते हैं,‘‘ दिहाड़ी मजदूर से भी बदतर है एक होमगार्ड की जिंदगी क्योंकि दिहाड़ी मजदूरों को निर्धारित समय और उचित काम तो मिलता है । होमगार्ड को इमरजेंसी डयूटी के नाम पर कई कई घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है,वह भी बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के ।''

होमगार्ड का मुख्य काम पुलिस के साथ मिलकर शांति व्यवस्था स्थापित करने में बल की मदद करना होता है । द्विवेदी बताते हैं कि इसलिये हम लोग पुलिस थानों में भी तैनात किये जाते है । इसके अलावा होमगार्ड शहरों के मुख्य चौराहों पर ट्रैफिक प्रबंधन में भी पुलिस की मदद करते है । उन्होंने दावा किया कि जो होमगार्ड किसी अधिकारी के बंगले में तैनात किये जाते हैं, उनसे तमाम तरह के तुच्छ काम कराए जाते हैं । ड्यूटी हाथ से जाने के डर से कोई होमगार्ड इसका विरोध नहीं कर पाता। 

होमगार्ड द्विवेदी ने कहा, ‘‘अभी तक प्रदेश में करीब एक लाख 17 हजार होमगार्ड तैनात थे लेकिन उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद कि होमगार्ड को पुलिस के सिपाही के वेतन के बराबर मानदेय दिया जायें, आफत आ गयी । पहले हमें 500 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिलता था। अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद से सितंबर माह से 672 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिलने लगा है । इसका खामियाजा हम होमगार्डो को यह उठाना पड़ा कि होमगार्ड विभाग ने पिछले महीने पहले बजट कम होने की वजह से 16 हजार होमगार्डो को हटा दिया । अब पुलिस विभाग ने 25 हजार होमगार्ड हटाने का आदेश जारी कर दिया है ।'' 

होमगार्ड एसोसिएशन के संरक्षक श्रीनाथ सिंह ने दावा किया, ''हम होमगार्डों को पांच साल में एक बार वर्दी मिलती है और उसकी धुलाई आदि के पैसे भी नही मिलते । इस साल वर्दी बंटने के लिये आयी थी लेकिन उसकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि उसे वापस कर दिया गया ।'' द्विवेदी यह भी आरोप लगाते है कि कुछ होमगार्डो की ड्यूटी प्रशासन के छोटे अधिकारियों के साथ उनकी सुरक्षा में लगती है । यह ड्यूटी सबसे अच्छी मानी जाती है लेकिन इसके लिए ड्यूटी अधिकारी को घूस देना पड़ता है। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार 25 हजार होमगार्ड हटा रही है । सरकार की दलील है कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित नये भत्तों का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है । प्रदेश के होमगार्ड विभाग के मंत्री चेतन चैहान ने "भाषा" को बताया कि किसी भी होमगार्ड को हटाया नहीं जाएगा । इस संबंध में पुलिस विभाग के अधिकारियों से भी बातचीत की गयी है । चौहान ने कहा, ''पुलिस विभाग अगर 25 हजार होमगार्डो को हटा रहा है तो होमगार्ड विभाग उन्हें कहीं न कहीं लगा देगा। हो सकता उनके काम के दिन कम हो जाये । हमने पुलिस विभाग से भी कहा है कि आप भले ही इनके काम के दिन कम कर दें लेकिन इन्हें रखे रहें । इन्हें निकाले नहीं । '' सरकार का कहना है कि शीर्ष अदालत के आदेश से राजकोष पर हर महीने दस से 12 करोड रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा । अपर महानिदेशक बी पी जोगदंड की ओर से जारी आदेश के अनुसार 25 हजार होमगार्ड तैनात नहीं करने का फैसला इस साल 28 अगस्त को किया गया था । यह फैसला उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था ।


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Ajay kumar

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