"राम जन्मभूमि की तरह इस विवाद का भी होगा निर्णय" - ज्ञानवापी मामले में HC के फैसले पर बोले केशव प्रसाद मौर्य
punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2023 - 01:55 PM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए एएसआई सर्वे (ASI Survey) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसे लेकर भाजपा और हिन्दू संगठन फैसले को सही बताया है। उन्होंने कहा कि हमले उम्मीद है कि एएसआई सर्वे से पूरी सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। इसे लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अपना बयान जारी किया है।
उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। केशव ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे के आदेश हम स्वागत करते है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी का जो विवाद है श्री राम जन्मभूमि की तरह इसका विवाद भी निर्णय होगा और शिव भक्तों की मनोकामना पूरी होगी। उन्होंने आगे कहा कि सर्वे के माध्यम से मुगल आक्रमणकारी जिन्होंने मंदिर का विध्वंस किया था और उसको छिपाया गया था, उसका सच बाहर आएगा। बाकि ये मामला माननीय न्यायालय के समक्ष है जो भी फैसला आएगा हम उसका स्वागत करेंगे।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि एएसआई के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा, लेकिन उसने साथ ही कहा कि सर्वेक्षण के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए।
उच्च न्यायालय ने कहा कि विवादित परिसर के सर्वेक्षण को लेकर जिला अदालत का आदेश उचित है और इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वांछित नहीं है। उच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं को बताया कि उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि उसके इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है। जैन ने इसे ‘‘बहुत महत्वपूर्ण निर्णय'' बताते हुए कहा कि अंजुमन इंतेजामिया ने दलील दी थी कि इस सर्वेक्षण से ढांचा प्रभावित होगा, लेकिन अदालत ने उन सारी दलीलों को खारिज कर दिया है।
जैन ने बताया कि अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया की याचिका खारिज कर दी है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व अंजुमन इंतेजामिया की दलील थी कि उसे उच्च न्यायालय जाने का मौका नहीं मिला, इसलिए अदालत ने उसकी दलीलों पर सुनवाई की। जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर जिला अदालत का निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे पूर्व, मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने निर्णय आने तक एएसआई के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी।