मेनका गांधी बोलीं- गधे के दूध का साबुन औरत को रखता है सुंदर, दिल्ली में 500 रुपए में है मिलता, यहां भी बनाएं

punjabkesari.in Sunday, Apr 02, 2023 - 11:07 AM (IST)

सुलतानपुर: भारतीय जनता पार्टी की सांसद मेनका गांधी अपने बयान की वजह से चर्चा में हैं। जहां उन्होंने चौपाल को संबोधित करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि गधे के दूध का साबुन औरत के शरीर को हमेशा सुंदर रखता है। एक बहुत मशहूर विदेशी रानी होती थी, 'क्लियोपैट्रा' वो गधे के दूध में नहाती थी। दिल्ली में गधे के दूध का साबुन 500 रुपए में एक बिक रहे हैं। क्यों नहीं हम लोग बकरे के दूध का साबुन बनाए। गधे के दूध का साबुन बनाए।
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उन्होंने कहा कि लद्दाख में एक समूह है। कितने दिन हो गए आप लोगों को गधे देखे हुए। कम हो गए हैं, ख़त्म हो गए हैं। धोबी का काम भी खत्म हो गया है। लेकिन लद्दाख में लोगों ने गधों से दूध निकालना शुरू किया और गधे के दूध से साबुन बनाया। मेनका गांधी ने कहा कि गधे के दूध का साबुन औरत के शरीर को हमेशा सुंदर रखता है। उन्होंने कहा कि पेड़ गायब हो रहे हैं। लकड़ी इतनी महंगी हो गई है कि आदमी मरते वक्त भी अपने पूरे परिवार को कंगाल करता है। लकड़ी के लिए 15-20 हजार लगता है, इससे अच्छा है हम गोबर के लंबे कंडे बनाए। उसमें सामग्री खुशबूदार लगा दें। एक ऑर्डर लगा दें कि जो भी मरता है, उसको गोबर के कंडो से हम लोग जला दें। इसमें 1500 से 2000 के रस्म रिवाज आएंगे। आप लोग कंडे बेचोगे तो लाखों लाख के कंडे बिक जाएंगे।
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बल्दीराय में कल शनिवार को 4 बजे एक कार्यक्रम का आयोजन था। जहां सांसद मेनका गांधी राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत स्थापित उद्यमिता प्रेरणा महिला लघु उद्योग में पोषाहार बनाने की यूनिट का शुभारंभ करने पहुंची थी। यहां मेनका गांधी ने कहा कि मैं नहीं चाहती आप जानवरों के ऊपर कुछ भी पैसा कमाए। इससे आज तक कोई अमीर नहीं हुआ है, बकरी पाल करके, गाय पाल करके। हमारे पास इतने डॉक्टर नहीं हैं। उसके बाद मेनका गांधी ने कहा, पूरे सुल्तानपुर में 25 लाख लोगों के बीच मुश्किल से 3 पशु डॉक्टर होंगे। कभी-कभी वो भी नहीं। गाय बीमार हो गई, भैंस बीमार हो गया, बकरा बीमार हो गया तो वहीं आपके लाखों रुपए चले जाते हैं।

सांसद ने कहा कि आप लड़कियों को पशु सहायक बनाते हैं। पशु सहायक कितना कर सकते हैं। डॉक्टर को डॉक्टर बनने में 6 साल लगता है। क्या हम दो हफ्ते में पशु सहायक बना सकते हैं। सवाल ही नहीं उठता है। इसीलिए मैं इसके सख्त खिलाफ हूं कि कोई बकरे पालन या गाय पालन में जाय। अब दस साल में कमाओगे और जानवर एक रात में मर जाएगा, और सब खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास एक बहुत गरीब परिवार आया था। वह चार भैंसो पर निर्भर था। रोते-रोते पति और उसकी बीवी आए। कहा कि मेरे चार भैंस किसी ने चोरी कर ली है। अब हम लोग क्या करेंगे। अब उनकी भैंसे कहां से मिलेगी। इसलिए मैं कहती हूं कि स्वयं सहायता समूह बनाए। उसमें ज्यादा फायदा है।


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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