दारूल उलूम देवबंद में मौलाना अरशद मदनी ने फहराया तिरंगा, कहा- इस्लामिक विद्वानों की कुर्बानियां इतिहास में दर्ज

punjabkesari.in Monday, Aug 15, 2022 - 09:55 PM (IST)

देवबंद (सहारनपुर): उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षा के प्रमुख केन्द्र दारूल उलूम में सोमवार को 76वां जश्न ए आजादी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस सामारोह में संस्था के प्रमुख मोहतमिम मुफ्ती अब्दुल कासिम और सदर मुदररिस मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय झंडा फहराया।

प्रख्यात स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी शेखुल हिंद मौलाना हुसैन अहमद मदनी के बेटे एवं जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलान अरशद मदनी ने कहा कि मुस्लिम इस्लामिक विद्वानों ने आजादी की जंग में बेमिसाल भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि इस्लामिक विद्वानों की कुर्बानियां इतिहास में दर्ज हैं।       

उन्होंने कहा कि वर्ष 1803 के आसपास देश के सबसे ज्यादा सम्मानित इस्लामिक विद्वान एवं मदरसा संचालक शाह वली उल्लाह देहलवी के बेटे शाह अब्दुल अजीज देहलवी ने हिंदुस्तान को दारूल हरब यानि युद्ध की भूमि घोषित करते हुए अंग्रेजो के खिलाफ जेहाद का फतवा जारी कर दिया था। इससे सभी मुस्लिमों और हिन्दुओं का अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करना फर्ज हो गया था। मदनी ने याद दिलाया कि अंग्रेजों ने शाह अजीज पर जबरदस्त जुलम ढाए और उनका मदरसा भी तहस नहस कर दिया लेकिन वह अपने रास्ते से डिगे नहीं।       

मदनी ने भावी पीढि़यों के लिये नजीर पेश करने वाले इस इतिहास से सबक लेकर मुल्क को एकजुट रखने की मौजूदा पीढ़ी से अपील की। उन्होंने कहा कि भारत की मजबूती के लिये सभी नागरिकों को धर्म और जाति के बंधनों से बाहर आकर भाईचारे की मिसाल दुनिया के सामने पेश करने की जिम्मेदारी है।


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Content Writer

Mamta Yadav

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