अब भाजपा को कैसे रोकेगा विपक्ष! मायावती और जयंत चौधरी ने बैठक से बनाई दूरी

punjabkesari.in Thursday, Jun 22, 2023 - 03:40 PM (IST)

लखनऊ: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को प्रस्तावित विपक्षी दलों की बैठक से पहले मायावती और जयंत चौधरी ने दूरी बना ली है। अब इस फैसले से राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई है। हालांकि मायावती ने पहले ही इस बैठक से दूरी बनाई थी। लेकिन जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी के साथ विधानसभा में मिलकर चुनाव लड़ा था। समाजवादी पार्टी बैठक में शामिल होने जा रही है। ऐसे में जयंत चौधरी का बैठक में न शामिल होना यूपी की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम के चलते बिहार में शुक्रवार को होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई है।

पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम के चलते, मैं भाग नहीं ले सकूंगा: जयंत
रालोद ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर जयंत चौधरी का 12 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा पत्र जारी किया है। चौधरी के लिखे पत्र में कहा गया है, ''आगामी 23 जून 2023 को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में अपने पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम के चलते, मैं भाग नहीं ले सकूँगा।'' चौधरी ने पत्र में कहा, ''आज देश में अधिनायकवादी और साम्प्रदायिक शक्तियां जिस तरह लोकतंत्र तथा सामाजिक समरसता के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, उसे देखते हुए समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों का एकजुट होना समय की मांग है।

बैठक विपक्षी एकता की राह में एक महत्वपूर्ण पड़ाव सिद्ध होगी
 उन्होंने कहा कि देश की अहम समस्याओं और चुनौतियों पर संवाद कर समूचा विपक्ष जनता के सामने एक दूरगामी, व्यावहारिक योजना प्रस्तुत कर सकता है। ऐसे में हम साथ मिलकर युवा, महिलाओं, किसान और वंचित समाज की आकांक्षाओं और विश्वास के साथ देश में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं।'' चौधरी ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि यह बैठक विपक्षी एकता की राह में एक महत्वपूर्ण पड़ाव सिद्ध होगी। उद्देश्य की सफलता के लिए शुभकामनाएं।'' शुक्रवार को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक विपक्षी एकता के लिए अहम मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश से जहां समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बैठक में शामिल होने की सहमति दे दी है, वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती बैठक में शामिल नहीं होंगी।

मायावती बोलीं- पटना बैठक 'दिल मिले न मिले हांथ मिलाते रहिए' की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है,
मायावती ने शुक्रवार को प्रस्तावित विपक्षी दलों की बैठक के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले एकजुटता दर्शाने के प्रयास से पहले विपक्षी दलों की अपनी नीयत को पाक साफ करना ज्यादा बेहतर होता।  मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा ‘‘ लोकसभा आम चुनाव के पूर्व विपक्षी पाटियां जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही हैं और ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा कल 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक 'दिल मिले न मिले हांथ मिलाते रहिए' की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है।''

अपने गिरेबान में झांककर अपनी नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेतीं तो बेहतर होता
 उन्होने कहा ‘‘ वैसे अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखकर इस प्रकार के प्रयास से पहले अगर ये पाटियां जनता में उनके प्रति आम विश्वास जगाने की गज़ऱ् से, अपने गिरेबान में झाँककर अपनी नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेतीं तो बेहतर होता। 'मुँह में राम बग़ल में छुरी' आख़रि कब तक चलेगा।''  बसपा अध्यक्ष ने कहा ‘‘ यूपी में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है, किन्तु विपक्षी पाटिर्यों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहाँ अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिन्तित हैं। बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहां लोकसभा चुनाव की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी।'' कांग्रेस और भारतीय जनता पाटर्ी (भाजपा) पर समतामूलक संविधान को सही से लागू नहीं किये जाने का आरोप लगाते हुये उन्होने कहा ‘‘महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद/हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि परमपूज्य बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी जैसी पाटिर्यों के पास नहीं है।'


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static