Ramcharitmanas पर विवादित टिप्पणी को Mayawati ने बताया दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण, SP-BJP दोनों पर लगाया मिलीभगत का आरोप
punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2023 - 01:00 PM (IST)

लखनऊ(अश्वनी सिंह): समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के श्रीरामचरितमानस (ShriRamcharitmanas) पर विवादित बयान को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के आक्रामक रुख के बीच बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने सोमवार को भाजपा और सपा पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि भाजपा की प्रतिक्रिया के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है, ताकि आगामी चुनावों में हिंदू-मुस्लिम उन्माद पर ध्रुवीकरण किया जा सके।
1. संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023
बसपा प्रमुख ने सोमवार को ट्वीट किया, “संकीर्ण राजनीति और चुनावी स्वार्थ के लिए नए-नए विवाद खड़े करने, जातीय-धार्मिक द्वेष फैलाने, उन्माद पैदा करने तथा धर्मांतरण का सहारा लेने की भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है, लेकिन रामचरितमानस की आड़ में सपा का ऐसा ही राजनीतिक रंग-रूप दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।”
2.रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023
उन्होंने आगे कहा, “रामचरितमानस के खिलाफ सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद और फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है, ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलंत मुद्दों के बजाय हिंदू-मुस्लिम उन्माद पर ‘पोलराइज' किया जा सके।”
3. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा, “उत्तर प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा चुनावों को भी सपा-भाजपा ने षड्यंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिये घोर सांप्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया। इसी की वजह से भाजपा दोबारा यहां सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी है।”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रीरामचरितमानस पर दिया था यह बयान
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को एक बयान में श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजनक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उनके इस बयान पर खासा विवाद उत्पन्न हो गया था। संत समाज और हिन्दूवादी संगठनों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। इस मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है। सपा ने रविवार को अपनी 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की थी, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा गया। इसके बाद भाजपा का रुख और आक्रामक हो गया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत कई प्रमुख नेताओं ने सपा प्रमुख पर हिंदुओं की आस्था का अपमान करने का आरोप लगाया है।