नहाने गई मां, चारपाई से उठाकर बंदर ने 3 महीने के मासूम की ले ली जान, पानी से भरे ड्रम में मिली लाश; इलाज से लौटे… दूसरे ही दिन छिन गई गोद
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 02:36 AM (IST)

Sitapur News: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के मछरेहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत सूरजपुर गांव में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। एक तीन महीने के मासूम शिशु को बंदर ने घर से उठाकर पानी से भरे ड्रम में फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा तब हुआ जब मासूम की मां नहाने गई थीं और बच्चा घर के भीतर चारपाई पर सो रहा था।
बच्चा गायब, घर में मचा कोहराम
पीड़िता सरिता देवी जब स्नान के बाद लौटीं तो चारपाई खाली पाकर चीख पड़ीं। परिजन और ग्रामीण मदद के लिए दौड़े और बच्चे को ढूंढने लगे। घर के पीछे बने निर्माणाधीन मकान की छत पर रखे पानी से भरे ड्रम में बच्चा उतराता हुआ मिला। परिजनों ने बच्चे को तुरंत बाहर निकाला और मछरेहटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने शिवांश को मृत घोषित कर दिया।
इलाज से लौटे थे, दूसरे ही दिन छिन गई गोद
परिजनों ने बताया कि मासूम शिवांश बीते दो महीनों से बीमार था और उसका इलाज लखनऊ मेडिकल कॉलेज से चल रहा था। घटना से ठीक एक दिन पहले ही बच्चे को दिखाकर वे लौटे थे। परिवार का कहना है कि उन्होंने बंदर को बच्चे को उठाते हुए नहीं देखा, लेकिन घर में बिखरा सामान और पिछले अनुभवों को देखते हुए उन्हें पूरा यकीन है कि यही हुआ है।
बंदरों का आतंक बना मुसीबत
ग्रामीणों ने बताया कि सूरजपुर और आसपास के इलाकों में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। वे घरों में घुसकर खाने का सामान बिखेरते हैं, बच्चों पर हमला करते हैं और कई बार चोट भी पहुंचा चुके हैं। गांव वालों का आरोप है कि वन विभाग या प्रशासन ने इस ओर कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
परिवार की पहली संतान थी शिवांश
मासूम शिवांश अनुज यादव और सरिता देवी की पहली संतान था। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। गांव में मातम का माहौल है और हर आंख नम है। परिजनों ने बच्चे का अंतिम संस्कार गांव में ही किया।
ग्रामीणों की मांग: बंदरों पर काबू पाए प्रशासन
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से बंदर नियंत्रण के लिए तत्काल अभियान चलाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। हम अपने बच्चों को अब अकेला छोड़ने से डरते हैं। यह सिर्फ हमारे गांव का नहीं, पूरे क्षेत्र का संकट बन चुका है।