बिना तलाक़ दूसरी शादी करने व धोखा देने का आरोपः हाईकोर्ट ने भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को राहत देने से किया इनकार

punjabkesari.in Saturday, Apr 27, 2024 - 03:37 PM (IST)

लखनऊः  बिना तलाक़ दिए दूसरी शादी करने व धोखा देने के आरोप के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को राहत देने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने कहा है कि संघमित्रा मौर्य को तलब किए जाने का आदेश पारित कर निचली अदालत ने कोई त्रुटि नहीं की है। न्यायालय ने यह भी कहा कि इसी मामले में 12 अप्रैल को भाजपा सांसद के पिता व पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की भी याचिका खारिज की जा चुकी है। इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने परिवाद की कार्यवाही को निरस्त किए जाने की मांग वाली संघमित्रा मौर्य की याचिका को खारिज कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने पारित किया। 

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वादी ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी का लगाया है आरोप
पत्रावली के अनुसार सुशांत गोल्फ सिटी के रहने वाले वादी दीपक कुमार स्वर्णकार ने अदालत में संघमित्रा व स्वामी प्रसाद मौर्य समेत अन्य के खिलाफ परिवाद दाखिल किया है। वादी का आरोप है कि वह एवं संघमित्रा वर्ष 2016 से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। कहा गया है कि संघमित्रा और उसके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने वादी को बताया की संघमित्रा की पूर्व शादी से तलाक़ हो गया है लिहाजा वादी ने 3 जनवरी 2019 को संघमित्रा से उसके घर पर शादी कर ली। बाद में जब उसे संघमित्रा के तलाक न होने की बात का पता चला तो शादी की बात उजागर न होने पाए इसलिए उस पर जानलेवा हमला कराया गया।

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संघमित्रा ने दी दलील
उक्त परिवाद को चुनौती देते हुए, संघमित्रा की ओर से दलील दी गई कि परिवादी द्वारा लगाए गए आरोपों में काफी विरोधाभास है जिन पर ध्यान देते हुए, निचली अदालत ने याची को तलब किया है। कहा गया कि निचली अदालत ने अपने न्यायिक मस्तिष्क का प्रयोग नहीं किया है। हालांकि न्यायालय ने इन दलीलों को अस्वीकार करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित तलबी आदेश में कोई कमी नहीं है।


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Content Writer

Ajay kumar

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