कुरान के खिलाफ दायर याचिका खारिज होने पर खुश हुए मुस्लिम संगठन, कहा-  ‘दिल की गहराइयों’’ से स्वागत

punjabkesari.in Monday, Apr 12, 2021 - 09:10 PM (IST)

लखनऊ:  मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कुरान से 26 आयतें हटाने की उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की याचिका को निरस्त कर उन पर जुर्माना लगाये जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि इससे देश के संविधान तथा न्यायपालिका पर मुसलमानों का भरोसा और मजबूत होगा। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले का ‘‘दिल की गहराइयों’’ से स्वागत करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस निर्णय से साबित हो गया है कि आज भी मुल्क में तमाम मजहबी कौमों और किताबों का किस कदर सम्मान किया जाता है। इस फैसले से कौम के अंदर देश के संविधान और न्यायपालिका को लेकर भरोसा और मजबूत होगा।’’ साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की, ‘‘कुरान पर उंगली उठाने वाले वसीम रिजवी को कानून सख्त सजा दे ताकि भविष्य में कोई किसी भी मजहबी किताब पर बेहूदा सवाल उठाने की जुर्रत न कर सके।’’ आल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, ‘‘वह हिन्दुस्तान के मुसलमानों को मुबारकबाद देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा ''हमें अपनी न्यायपालिका पर भरोसा है कि वह आगे भी इसी तरह इंसाफ करती रहेगी ताकि भविष्य में कोई इस्लाम ही नहीं बल्कि किसी मजहब पर कोई उंगली न उठा सके।''मजलिसे उलमा—ए—हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जव्वाद ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे भारतीय संविधान में मुसलमानों का विश्वास और मज़बूत होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय से इसी तरह के सख्त रुख की उम्मीद थी।

मौलाना ने सरकार से वसीम रिजवी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें भारत की शांति और अमन भंग करने के लिए जेल भेजने की मांग की।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कुरान शरीफ से 26 आयतें हटाने के अनुरोध वाली उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व प्रमुख वसीम रिजवी की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने रिजवी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Moulshree Tripathi

Recommended News

Related News

static