मुस्लिम महिलाएं चुनाव न लड़ें, इस्लामी शरियत अनुमति नहीं देतीः मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 06, 2022 - 05:45 PM (IST)

बरेली: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुस्लिम महिलाओं के चुनाव लड़ने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। मौलाना ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं टिकट लेकर चुनाव नहीं लड़ें। इस्लामी शरियत महिलाओं को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देती है।

दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अहमदाबाद की जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शब्बीर अहमद के उस बयान का समर्थन किया है। जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम महिलाएं टिकट लेकर चुनाव न लड़ें। मौलाना ने कहा कि इस्लामी शरीयत मुस्लिम महिलाओं को गंदी राजनीति करने से रोकती है, इस्लाम ने महिलाओं की पाकिजगी और उनके रुतबे का ख्याल रखा है। इसलिए मौजूदा दौर कि चुनावी राजनीति से मुस्लिम महिलाओं को बचना चाहिए। शरीयत का यह हुक्म सिर्फ मुस्लिम महिलाओं पर लागू होता है, दूसरे तबके से ताल्लुक रखने वाली महिलाएं इससे अलग हैं।
 

'डिंपल यादव को समर्थन देना शिवपाल की सियासी भूल
बीते दिनों ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा था कि शिवपाल यादव को सपा उम्मीदवार डिम्पल यादव का का समर्थन नहीं करना चाहिए। क्योंकि समाजवादी पार्टी के लोगों ने शिवपाल यादव का बीते दिनों खूब अपमान किया है। यह मौका ऐसा था जब शिवपाल यादव को अपनी ताकत का अहसास कराना चाहिए था। डिंपल यादव को समर्थन देकर वह बड़ी राजनीतिक भूल कर रहे हैं। 'इसका खामियाजा आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। जब शिवपाल अपने समर्थकों के लिए अखिलेश यादव से लोकसभा के टिकट मांग रहे होंगे, तब अखिलेश उनके उम्मीदवारों की लिस्ट को कूड़ेदान में डाल देंगे। मौलाना ने कहा कि प्रदेश मुसलमान अखिलेश यादव के मुकाबले शिवपाल यादव को ज्यादा पसंद करता है। पूर्व की सपा सरकार में मुसलमान अपनी समस्याओं को लेकर अखिलेश यादव के घर जाने के बजाय शिवपाल यादव के घर जाना पड़ता था। जबकि अखिलेश यादव के घर मुसलमान कम ही नजर आते हैं। उन्होंने कहा शिवपाल सम्मान चाहते हैं तो अपने फैसले पर विचार करें।

 

 


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Content Writer

Ajay kumar

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