75 साल के सीताराम की रहस्यमयी कहानी! 42 साल में 14 बार सांप ने डसा—हर बार मौत को चकमा देकर लौट आए जिंदा, सपना देता है डसने का संकेत!
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 06:34 AM (IST)
Jhansi News: झांसी जिले के चिरगांव थाना क्षेत्र के पट्टी कुमर्रा गांव में रहने वाले 75 वर्षीय सीताराम अहिरवार की जिंदगी किसी रहस्य और चमत्कार से कम नहीं लगती। पिछले 42 साल में काला सांप उन्हें 14 बार डस चुका है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि हर बार वे मौत के मुंह से वापस लौट आए। यही वजह है कि गांव में उनकी कहानी चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गई है।
पहली बार 25 साल की उम्र में सांप ने डसा
सीताराम ने बताया कि जब वह सिर्फ 25 साल के थे, तभी पहली बार सांप ने उन्हें काटा था। परिवार वाले उन्हें तुरंत गांव के खैरापति मंदिर ले गए। वहां झाड़फूंक और तांत्रिक विधि के जरिए उनका इलाज किया गया और उनकी जान बच गई। इसके बाद से जब भी सांप उन्हें डसने वाला होता है, उससे दो दिन पहले ही उन्हें या उनकी पत्नी दिलकुवंर को सपने में सांप दिखाई देता है। यह सपना उनके परिवार के लिए डर और संकट का संकेत बन गया है।
14 बार सांप के डसने के बाद भी जिंदा
सीताराम बताते हैं कि परिवार और गांव वाले हमेशा कोशिश करते हैं कि उन्हें सांप से दूर रखा जाए, लेकिन किसी न किसी तरह सांप उन तक पहुंच ही जाता है। जैसे ही सांप काटता है, वे बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। इसके बाद ग्रामीण उन्हें दोबारा मंदिर ले जाते हैं, जहां तांत्रिक लोग नीम के झोंके से झाड़फूंक करते हैं, मंत्र पढ़ते हैं और मंदिर के चक्कर लगवाते हैं। कई बार चक्कर लगाते वक्त वे गिर भी जाते हैं।
तांत्रिकों का दावा —'उर्द के दाने' बचाते हैं जान
तांत्रिक शिरोमन सिंह बुंदेला और कमलेश का दावा है कि वे सीताराम के हाथ में उर्द के दाने बांधते हैं। उनका कहना है कि जब तक ये दाने बंधे रहते हैं, सांप उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। लेकिन जैसे ही सांप के डसने का समय आता है, वह दाने अपने आप गायब हो जाते हैं और उसी दौरान काला सांप उन्हें काट लेता है। गांव वाले इस पूरी घटना को भगवान की लीला और एक रहस्यमय चमत्कार की तरह देखते हैं।
गांव में बना चर्चा का विषय
सीताराम की यह अनोखी कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं। गांव के लोग कहते हैं कि 14 बार काला सांप काटे और फिर भी किसी को कुछ न हो—यह बात आज तक उन्होंने कहीं नहीं देखी। यही वजह है कि लोग दूर-दूर से उनकी कहानी सुनने और उनसे पूछने के लिए आते हैं।

