बेटी का कमरा साफ कर रही थी मां, तभी मिली सीक्रेट डायरी, पढ़ते ही हो गई सन्न; पन्नों ने खोला खौफनाक राज़, सच जान दहला परिवार, रुला देगी कहानी
punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 02:05 PM (IST)
UP Desk : 18 वर्षीय दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा की हत्या को पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब उसके कमरे से मिली एक डायरी ने मामले में चौंकाने वाला नया मोड़ ला दिया है। छात्रा की मां को यह डायरी तब मिली, जब वह बेटी का कमरा साफ कर रही थीं। किताबों के बीच छुपी इस डायरी में लिखे पन्ने पढ़कर परिवार सन्न रह गया क्योंकि इसमें बेटी ने अपने बचपन से जुड़ा वह ज़ख्म दर्ज किया था, जिसे उसने जीवन भर किसी से साझा नहीं किया।
डायरी की पंक्तियों ने खोला पुराना जख्म
मां की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक, छात्रा ने अपनी डायरी में लिखा था कि उसके पिता की ओर से एक रिश्तेदार ने सिर्फ छह साल की उम्र से लेकर 12 साल की उम्र तक उसका लगातार यौन शोषण किया। डायरी में उसने लिखा, “वह मुझे खेलते वक्त अलग ले जाता था। मुझे धमकाता था कि अगर किसी को बताया तो मार देगा। मैं छोटी थी, समझ नहीं पाती थी। इसके साथ जीना मुश्किल है। मैं अब और सहन नहीं कर सकती।” डायरी में लिखे इन शब्दों ने परिवार का दिल दहला दिया। मां ने बेटी की लिखावट पहचानने के बाद तुरंत जहांगीरपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई।
POCSO और रेप की धाराओं में केस दर्ज
शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपी रिश्तेदार के खिलाफ गंभीर धाराओं - IPC 376 (दुष्कर्म), 354A (छेड़छाड़), 506 (धमकी) और POCSO एक्ट की धारा 6 व 10 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। डीसीपी (नॉर्थ-वेस्ट) विश्राम सिंह ने बताया कि आरोपी की तलाश के लिए कई टीमें गठित की गई हैं।
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क्या था छात्रा की हत्या का मामला?
यह वही छात्रा है जिसकी 1 जून को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उस दिन वह सुबह कॉलेज गई, लेकिन घर नहीं लौटी। परिवार तलाश में जुटा था तभी आरोपी छात्र के पिता का फोन आया और उन्होंने कहा, “आपकी बेटी ने मेरे बेटे पर हमला किया है।” लेकिन यह दावा जांच में झूठ निकला। पूछताछ में मुख्य आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने छात्रा का गला घोंटा, चाकू से हमला किया और पहचान मिटाने के लिए आग लगा दी। छात्रा की लाश संजय वन से बरामद हुई थी।
क्यों किया गया था यह सब?
परिवार ने पुलिस को बताया था कि आरोपी पिछले एक साल से लड़की को परेशान कर रहा था। पीड़िता की बहन के मुताबिक, वह लड़की का पीछा करता था, भाषा संस्थान तक पहुंचकर हंगामा किया। इतना ही नहीं मई में घर आकर मां का फोन भी तोड़ दिया। जब लड़की ने उससे दूरी बना ली, तो उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
डायरी ने उजागर की पीड़ा की एक और परत
अब मौत के पांच महीने बाद मिली यह डायरी न सिर्फ उसके बचपन के शोषण का राज़ खोलती है, बल्कि उसकी मानसिक पीड़ा और अकेलेपन को भी दिखाती है। परिवार का कहना है कि उन्हें अब बेटी के लिए दो मोर्चों पर न्याय चाहिए। एक उसकी हत्या के लिए और दूसरा उसके बचपन के साथ हुए अत्याचार के लिए। दिल्ली पुलिस दोनों मामलों में जांच आगे बढ़ा रही है, जबकि परिवार और समाज इस दर्दनाक घटनाक्रम को पढ़कर भी सिहर उठा है।

