जब अवसर मिलता तो परिणाम देने में कोई कमी नहीं करती महिलाएं: निर्मला सीतारमण
punjabkesari.in Saturday, Aug 21, 2021 - 04:01 PM (IST)

लखनऊ: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ‘मिशन शक्ति' के तीसरे चरण की शुरुआत शनिवार को की। 'मिशन शक्ति' के तीसरे चरण का यह अभियान 31, दिसंबर 2021 तक चलेगा। लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित 'मिशन शक्ति' के तीसरे चरण के समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए सीतारमण ने अभियान की सराहना की।
उन्होंने कहा,‘‘जब प्रोत्साहन मिलता है, अवसर मिलता है तो महिला उसमें शामिल होने में संकोच नहीं करती, शामिल होने के बाद परिणाम देने में भी कोई कमी नहीं करती है, यही महिला की विशेषता है।'' मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों की सराहना करते हुए वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे ऊर्जावान मुख्यमंत्री के रहने से ही राज्य प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकता है। मुझे भरोसा है कि उत्तरप्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा और उसमें महिलाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका दिखेगी।'' उन्होंने कहा,‘‘ उत्तरप्रदेश में ऐसे मुख्यमंत्री के रहते हुए महिलाओं का भविष्य बहुत उज्जवल है। उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने के लिए और महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए तथा संपूर्ण विकास के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं, उन्हें मैं हार्दिक बधाई देती हूं।''
वित्त मंत्री ने कहा कि जहां हर गांव में बैंक पहुंचना संभव नहीं है, वहीं उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है जहां महिला को बैंक मित्र बनाकर और हर गांव में तैनात कर मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण विचार को आगे बढ़ाया। सीतारमण ने कहा, ‘‘ गांव में कृषि पैदावार के स्टोरेज (भंडारण) के लिए केंद्र सरकार पैसे देती है, मैं सभी महिला स्वयं सहायता समूहों से अनुरोध करती हूं कि वे अपने गांवों में ऐसे स्टोरेज क्षमता बनाएं जिसमें उत्पादन को स्टोर किया जा सके और जब ज्यादा मुनाफा मिले तब वे उसे बेचे। इससे आपके हाथों में एक नया कारोबार आएगा और ज्यादा लाभ कमा सकोगी।''
पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा,''दक्षिण में कन्याकुमारी से मुंबई तक आनंदीबेन पटेल के साथ 18-19 साल पहले एक फ़लाइट में यात्रा की याद दिलाना चाहती हूं। तब आनंदीबेन पटेल गुजरात में शिक्षा मंत्री होती थीं। तब उन्होंने (आनंदीबेन पटेल) विस्तार से महिला शिक्षा के लिए किये गये प्रयासों की चर्चा की थी।'' सीतारमण ने कहा, ‘‘ तब गजरात के गांवों में स्कूलों में बच्चियों को भर्ती करना बहुत मुश्किल था। मगर उनके (आनंदीबेन पटेल) द्वारा एक अभियान चलाया गया जिसमें पहले दिन हर साल स्कूल खोलने के वक्त गांवों में बच्चियों को हाथी या ऊंट के ऊपर बिठाकर बैंड बाजा के साथ स्कूल तक ले आते थे और पूरे गांवों के लोग खड़े होकर ये रोमांचक नजारा देखते थे। इससे लड़कियों को स्कूल में भर्ती करने का मिशन कामयाब हुआ और साक्षरता बढ़ी।''
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रित्व काल का प्रसंग सुनाते हुए बताया,‘‘उन्होंने (मोदी ने) पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी के लिए विशेष प्रयत्न किया। मोदी जी जब 2014 में मुख्यमंत्री पद छोड़कर प्रधानमंत्री बने तो दिल्ली आने से पहले मिले उपहारों की नीलामी कर कन्या शिक्षा के मद में दे दिया। मोदी जी की प्राथमिकता में महिला है, जनधन हो, उज्ज्वला योजना हो, स्वामित्व हो, पोषण अभियान हो या मुद्रा लोन हो, सबमें महिलाओं को ही अग्रणी स्थान मिला है। प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो अधिक से अधिक महिलाओं को मंत्री बनने का मौका दिया।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयास से अधिक से अधिक टीके का उत्पादन हो रहा है और कोरोना काल में हम अधिक से अधिक लोगों को टीके की खुरका दे सकेंगे जिससे आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिलेगी। टीकाकरण में गभर्वती महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
इसके अलावा, मिशन शक्ति के प्रथम व द्वितीय चरण में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली 75 महिलाओं को निर्मला सीतारण द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर 59 हजार ग्राम पंचायतों में ‘मिशन शक्ति कक्ष' का शुभारम्भ और बदायूं में वीरांगना अवंतीबाई बटालियन के प्रांगण की आधारशिला रखी गई। इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाति सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी और डीजीपी मुकुल गोयल समेत कई प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत करते हुए महिला कल्याण तथा बाल विकास व पुष्टाहार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मिशन शक्ति की शुरुआत अक्टूबर (शारदीय नवरात्र) 2020 में हुई और आज महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भारी बदलाव आया है।