निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव ने फांसी लगाकर जान दी, सुसाइड नोट में लिखा- मन करता है मंत्री संजय निषाद, उनके दोनों बेटों की हत्या कर दूं
punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2025 - 07:38 PM (IST)
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महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले से एक दुखद घटना सामने आई है। जहां पर निषाद पार्टी प्रदेश सचिव ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया है। इस घटना से परिजनों का रो रोकर बुरा हाला है। घटना से नाराज निषाद समाज धरने पर बैठे और जमकर हंगामा किया। पुलिस से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हालांकि मौत से युवक ने फेसबुक पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिख कर मंत्री संजय निषाद और उनके बेटे के ऊपर गंभीर आरोप लगाया है।
उसने अपनी पोस्ट में लिखा- 10 साल से मैं निषाद पार्टी से जुड़ा रहा। जितना समय मैंने पार्टी को दिया, उतना तो अपने परिवार को भी नहीं दिया। मेरी लोकप्रियता देखकर इन लोगों की बेचैनी बढ़ने लगी। 2 साल से ये लोग मुझे कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इन लोगों की वजह से मुझे जेल जाना पड़ा। मेरा मन करता था इन सबको जान से मार दूं। धर्मात्मा के घर के बाहर निषाद समाज के लोगों की भीड़ लगी है। परिवार के लोग धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि सभी आरोपियों पर केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार किया जाए। मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात है। परिवार ने अंतिम संस्कार से मना कर दिया है।
परिवार के साथ निषाद समाज धरने पर बैठा
धर्मात्मा निषाद (29) महराजगंज में निषाद पार्टी में प्रदेश सचिव था। धर्मात्मा की शादी हो चुकी थी और एक बेटी भी है। धर्मात्मा ने रविवार सुबह अपने घर के अंदर फांसी लगाई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया, यह मेरा आखिरी संदेश
आज बहुत कुछ सोचने-समझने के बाद मैंने यह फैसला लिया है कि यह दुनिया मेरे किसी काम की नहीं। मैं अपनी क्षमता के हिसाब से जितना लोगों की मदद कर सकता था, उतनी मदद करने का प्रयास किया। कई बार तो अपनी क्षमता के ऊपर जाकर लोगों की मदद की। इस कारण मेरे हजारों राजनीतिक और सामाजिक दुश्मन बनें। फिर भी मैंने समाज के शोषित, वंचित और निर्बलों की आवाज को बुलंद करने का काम लगातार जारी रखा। इस बीच मुझे कई बार फर्जी मुकदमे भी झेलने पड़े। कई बार जेल भी जाना पड़ा। फिर भी मैंने अपने कदम को रुकने नहीं दिया। लगातार लोगों की मदद करता रहा।