निठारी कांड: पंढेर और कोली को बरी करने पर पीड़ित परिजन निराश, बोले- न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे

punjabkesari.in Monday, Oct 16, 2023 - 03:14 PM (IST)

Nithari Case: उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर के वर्ष 2006 के कुख्यात निठारी कांड मामले के मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को विभिन्न आरोपों से बरी किए जाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से पीड़ितों के परिजन मायूस हैं। कई परिजनों का कहना है कि उनके बच्चों को 17 साल बाद भी न्याय नहीं मिला, इसलिए वे न्याय हासिल करने के लिए अब आगे की रणनीति तय करेंगे। इस हत्याकांड की शिकार महिलाओं, बच्चों और बच्चियों के ज्यादातर परिजन नोएडा छोड़कर अपने-अपने पैतृक गांव वापस जा चुके हैं और केवल चार लोग ही अब नोएडा में रह रहे हैं।

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निठारी गांव के रहने वाले अशोक ने कहा कि वह इस आदेश से काफी आहत हैं। मूल रूप से नोएडा के ही रहने वाले अशोक के साढ़े पांच साल के बेटे की इस कांड में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। आशेक ने कहा कि आरोपी ताकतवर और पैसे वाले हैं जबकि वह गरीब हैं, इसलिए उनके साथ न्याय नहीं हुआ। इस कांड में जान गंवाने वाली एक लड़की के पिता झब्बू लाल ने कहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से काफी आहत हैं। सुरेंद्र कोली ने पुलिस के सामने बच्चियों की हत्या करने और उनसे बलात्कार करने की बात स्वीकार की थी।

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न्याय की लड़ाई जारी रखेंगेः पीड़ित
वहीं, पीड़ित पप्पू का कहना है कि उच्च न्यायालय के इस फैसले से वह विचलित हैं और उन्होंने कहा कि वह न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे। पप्पू की नाबालिग बेटी की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इसी तरह रामकिशन की नाबालिग बेटी की भी कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। रामकिशन ने कहा कि न्यायालय के आदेश की प्रतियां जब उन्हें मिलेगी तो वह अपने वकील की सहायता से इसका अध्ययन करने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। निठारी कांड के पीड़ितों के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले 85 वर्षी सतीश चंद्र मिश्रा उच्च न्यायालय के इस निर्णय से काफी आहत हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मिश्रा ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब लोगों के साथ न्याय नहीं हुआ है। सीबीआई ने इस मामले में ठीक तरीके से पैरवी नहीं की। पंढेर और सुरेंद्र कोली, दोनों ने अपना-अपना अपराध स्वीकार किया था।

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किसी मामले में नहीं होनी चाहिए CBI जांचः मिश्रा  
सामाजिक कार्यकर्ता मिश्रा सीबीआई से इतने नाराज दिखे कि उन्होंने कहा कि किसी भी मामले की सीबीआई जांच नहीं होनी चाहिए। निठारी कांड में जिनके बच्चे मारे गए थे, वह लोग काफी गरीब हैं। ज्यादातर पीड़ितों के परिजन बेरोजगार हो जाने के चलते नोएडा छोड़कर अपने-अपने पैतृक गांव जा चुके हैं। अदालत के निर्णय के बाद निठारी कांड के पीड़ितों के परिजनों के साथ वह बैठक करके आगे की रणनीति तय करेंगे। इससे पूर्व गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने कोली और पंढेर पर लड़कियों से दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय करते हुए उन्हें मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी। 


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Content Editor

Pooja Gill

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