पीड़ित कर्मचारी को पिछले वेतन का भुगतान न करना दंडित करने के समान: हाईकोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2023 - 06:00 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि नियोक्ता के एक अवैध कार्य के कारण पीड़ित कर्मचारी को पिछले वेतन से इनकार करना अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित कर्मचारी को दंडित करने जैसा होगा। उक्त आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की एकलपीठ ने श्रम न्यायालय, गोरखपुर द्वारा दिए गए विवादित निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

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विवादित आदेश में श्रम न्यायालय ने विपक्षी की सेवाओं की समाप्ति को अनुचित और अवैध माना है और साथ ही उनकी बहाली के लिए एक और निर्देश दिया है। प्रतिवादी ने 50 प्रतिशत की दर से बैक-वेज़ के साथ अपनी पिछली सेवाओं में निरंतरता बनाए रखने को कहा। कर्मचारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह अक्टूबर 1988 से नियमित रूप से सिंचाई विभाग में कैंप धावक के रूप में काम कर रहा था और पद के वितरण से संबंधित कर्तव्यों का पालन कर रहा था। अचानक दिनांक 01 जनवरी 1991 को उनकी सेवाएं मौखिक रूप से समाप्त कर दी गईं तथा मार्च, 1990 से दिसम्बर, 1990 तक के प्रभावी वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया, जिसके संबंध में कर्मकार ने पूर्व में नियंत्रण अधिकारी, देवरिया के समक्ष मामला दायर किया था।

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श्रम न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि विभाग को अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए था। कामगार अपनी सेवा में बहाली का हकदार है, क्योंकि यह स्थापित किया गया था कि उसने कैलेंडर वर्ष में 240 दिनों से अधिक काम किया था।


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Ajay kumar

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