भारत ही नहीं, मानव जाति के भविष्य के लिए अहम है Chandrayaan 3 मिशन, चांद के इन अनसुलझे रहस्यों से उठेगा पर्दा
punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2023 - 09:37 PM (IST)

चंद्रयान-3 की हुई सफलतापूर्वक लैंडिंग
चांद के इन अनसुलझे रहस्यों से उठेगा पर्दा
भारत ही नहीं, मानव जाति के भविष्य के लिए अहम है चंद्रयान-3
चांद की सतह पर विक्रम लैंडर अब पूरी तरह से सॉफ्ट लैंडिंग कर चुका है.... जिस घड़ी का इंतजार पूरा देश कर रहा था... आखिर वो घड़ी आ ही गई... जैसे ही घड़ी पर 6.04 मिनट बजे... चंद्रयान की सफल लैंडिंग हो गई.... इसके साथ ही चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ही भारत चौथा देश बन गया है... जिसने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाबी हासिल की... इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ने ये कारनामा कर दिखाया है... सबसे बड़ी बात है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश बन गया है... दरअसल, इसरो चीफ कि माने तो चंद्रयान-3 को इस तरह डिजाइन किया था की अगर लैंडिंग से पहले चंद्रयान-3 की सेंसर ठीक से काम न भी करता तो भी चांद की सतह पर लैंडर विक्रम सॉफ्ट लैंड करने वाला था... इतना ही नहीं अब चूंकी चांद पर भारत ने अपना तिरंगा लहरा दिया है... ऐसे में आपके दिल में सवाल उठे होंगे की अब चंद्रयान का काम क्या होगा... तो बता दें कि लैंडर विक्रम के चांद पर लैंड होने के बाद रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर उतरा और चांद की जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया है...
बता दें कि इस मिशन के जरिए भारत की काफी उम्मीदें जुड़ी है... विशेषज्ञों की मानें तो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की काफी कम जानकारी दुनिया के पास मौजूद है.... इस मिशन के जिए इस दक्षिणी ध्रुव की कई अहम जानकारी भारत को हाथ लग सकती है... क्योंकि आजतक वहां कोई पहुंचा नहीं था.... बता दें कि दक्षिणी ध्रुव में ज्यादातर समय छाया रहती है... इस क्षेत्र का तापमान बहुत कम रहता है... जानकारी के मुताबिक, दक्षिणी ध्रुव पर तापमान -100 डिग्री से भी नीचे चला जाता है... उम्मीद जताई जा रही है कि दक्षिणी ध्रुव पर तापमान कम होने की वजह से यहां पर पानी और खनिज की मौजूदगी भी हो सकती है... वहीं, कई वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि इस क्षेत्र में बर्फ जमा होने की बातें सामने आई है...
चंद्रयान-3 मिशन के फायदे
चंद्रमा के बारे में मिलेगी अधिक जानकारी
भारत की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
स्पेस रेस में अमेरिका और चीन को टक्कर देगा भारत
बता दें कि इस मिशन के जरिए चंद्रमा के वातावरण की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी... इंसान की ख्वाहिश है... कि चंद्रमा पर मानव बस्तियां बस सके... इसके लिए वहां के वातावरण की पूरी जानकारी होनी जरूरी है... इसके अलावा, दक्षिणी ध्रुव पर मिट्टी का केमिकल विश्लेषण किया जाएगा... चांद पर मौजूद चट्टानों की भी स्टडी की जाएगी... दरअसल, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद मिट्टी और चट्टानों की स्टडी करने से वैज्ञानिकों को चंद्रमा के इतिहास और भूविज्ञान की काफी जानकारी मिल सकेगी... जो चंद्रमा पर भेजे जाने वाले मानव मिशनों के लिए उपयोगी होगी... वहीं, अन्य ग्रहों की भी कई जानकारी प्राप्त की जा सकती है...
ये मिशन न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी बल्कि, हमारे देश में रोजगार के कई अवसर भी खोलने में मदद करेगी... दरअसल, आज के समय अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टर्स काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं... चंद्रयान-3 की सफलता, प्राइवेट इन्वेस्टर्स को इसरो के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी... फिलहाल पर गौरवानित पल को देखकर सभी भारतीयों का सीना चौड़ा है.... दुनियाभर में कम लागत में अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक सैटेलाइट भेजने के लिए इसरो काफी प्रसिद्ध है... चंद्रयान-3 की सफलता के बाद दुनिया भर के इन्वेस्टर्स भारत की ओर रुख करेंगे... वहीं, इस मिशन की सफलता से कई और दूसरे मिशन के लिए दरवाजे खुलेंगे...
चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्य
चंद्रमा की सतह पर पानी की होगी स्टडी
चंद्रमा के वातावरण का होगा अध्ययन
चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी के नमूने एकत्र किए जाएंगे
इस मिशन का फायदा सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को मिलेगा… अमेरिका चंद्रमा की सतह पर मानव को उतारने वाला पहला देश हो सकता है, लेकिन चंद्रयान -1 मिशन की मदद से ही सबसे पहले चंद्रमा की सतह पर पानी की तस्वीरें ली गईं थीं… इन तस्वीरों का इस्तेमाल नासा ने अपने मून मिशन में किया है… वाकई में ये देश के लिए गौरानवित पल है.....