अब ''श्रीकृष्ण विराजमान'' पहुंचे अदालत, मांगा 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक

punjabkesari.in Saturday, Sep 26, 2020 - 02:25 PM (IST)

मथुरा: कई साल की लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद केस का पटाक्षेप कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में विवादित जमीन पर राम लला का मालिकाना हक मिला। जबकि मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन दी गई। अब श्रीराम जन्मभूमि के बाद अब मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला भी अदालत पहुंच गया है। श्रीकृष्ण विराजमान नाम से मथुरा की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर कर 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगा गया है, इसके साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की अपील की गई है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मुकदमा दायर किया है। इनकी याचिका में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया गया है। उन्होंने 13.37 एकड़ की श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मालिकाना हक मांगा है। 

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए कोई आंदोलन नहीं किया जाएगा: महंत नृत्य गोपालदास
इससे पूर्व जन्माष्टमी से पहले मथुरा पहुंचे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए मथुरा में कोई आंदोलन नहीं किया जाएगा। यहां मंदिर-मस्जिद का कोई विवाद नहीं है। हालांकि अब कृष्ण जन्मभूमि का मामला अदालत में पहुंच गया है।

जमीन मुक्त कराने के लिए किया गया श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास का गठन 
अगस्त में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को भी मुक्त कराने के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास का गठन किया गया है। इस न्यास से देश के 14 राज्यों के 80 संतों को जोड़ा गया है। न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य देवमुरारी बापू ने बताया था कि ट्रस्ट 23 जुलाई हरियाली तीज को रजिस्टर्ड कराया गया है। 


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Ajay kumar

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