अब EVM को लेकर नहीं फैलेगा भ्रम, जिलाधिकारी की निगरानी में रहेंगी मशीनें
punjabkesari.in Monday, Apr 03, 2023 - 06:58 PM (IST)

लखनऊ : अब प्रशिक्षण या रिजर्व में रखे जाने वाली ईवीएम पर साफ-साफ मोटे अक्षरों में दर्ज होगा ईवीएम ट्रेनिंग या ईवीएम रिजर्व ये सभी ईवीएम जिलाधिकारी की निगरानी में रहेंगी। राजनीतिक दलों का भ्रम दूर करने के लिए केन्द्रीय चुनाव आयोग इस लोकसभा चुनाव में यह कदम उठाने जा रहा है। आयोग इस सिलसिले में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश देने की तैयारी कर रहा है।
ईवीएम मशीनें बदले जाने का लगता है डर
दरअसल, मतदान से पहले और मतदान हो जाने के बाद मतगणना के लिए चुनाव ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मियों को ईवीएम का प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में स्वाभाविक है कि प्रशिक्षण स्थल तक ईवीएम को ले जाया जाता है। ईवीएम को प्रशिक्षण स्थल तक लाए जाने के दौरान राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को यह भ्रम हो जाता है कि किसी एक प्रत्याशी या पार्टी के पक्ष में जिला निर्वाचन प्रशासन ईवीएम मशीनें बदल रहा है। ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल होने से व्यापक कन्फ्यूजन की स्थिति बनती है। इसके बाद कार्यकर्ता हंगामा करते हैं। ईवीएम लाने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। इससे सरकारी कामकाज में तो बाधा पड़ती है, साथ ही राजनीतिक दलों को अपने प्रतिद्वन्दी दलों पर आरोप लगाने का मौका मिल जाता है।
विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था मामला
ऐसा ही नजारा प्रदेश में हुए 2022 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था। वाराणसी में पिछले साल सात मार्च को मतदान खत्म हो गया था। इसके बाद 8 मार्च को वाराणसी के पहाड़िया मंडी में एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम मशीन बदले जाने को लेकर जमकर हंगामा किया था। राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि प्रशासन ईवीएम मशीन को बदल रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी के लाख समझाने के बाद भी कार्यकर्ताओं ने उनकी नहीं सुनी थी। आखिरकार ईवीएम मूवमेंट का प्रोटोकाल न फालो करने के कारण चुनाव आयोग को एक अपर जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित करना पड़ा था। पिछले चुनाव में एक राजनीतिक दल के नेताओं ने इसे मुद्दा बनाकर जगह-जगह बवाल किया। इसी तरह से पिछलों चुनावों में अन्य जिलों में भी बवाल होता रहा है।
भ्रम दूर करने को केन्द्रीय चुनाव आयोग ने बनायी योजना
केन्द्रीय चुनाव आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसके बाद ही आयोग ने तय किया है कि अब ट्रेनिंग के लिए या रिजर्व ईवीएम मशीन पर मोटे अक्षरों में ट्रेनिंग ईवीएम और रिजर्व ईवीएम की साफ पर्ची लगाने की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी की होगी।