छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे... छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें अधिकारी: केशव प्रसाद मौर्य
punjabkesari.in Tuesday, Nov 12, 2024 - 01:54 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पीसीएस प्री और आरओ..एआरओ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में सोमवार को शुरू हुआ छात्र आंदोलन प्रयागराज में यूपीपीएससी मुख्यालय के सामने आज दूसरे दिन भी जारी है। देर रात जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त ने आयोग में बैठक की, जो बेनतीजा रही। इसे लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बयान जारी किया है। उन्होंने एक्स पर कहा, यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।
भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम सरकार ने उठाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है। लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे। न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे।
आइए समझते हैं आखिर नॉर्मलाइजेशन क्या है?
नॉर्मलाइजेशन को लेकर विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का तर्क क्या हैं? कैसे यह पीसीएस और आरओ-एआरओ की परीक्षा को प्रभावित करेगा? कैसे तय होगा कि कौन सा पेपर कठिन और कौन सरल है? आयोग को दो दिन परीक्षा करवाने की जरूरत क्यों पड़ी? आखिर कैसे तय होगा कि कौन सा पेपर कठिन और कौन सा सरल था। हो सकता है कि जो पेपर कठिन लग रहा, वह किसी को सरल लग रहा हो! परीक्षा होने के बाद स्वाभाविक विवाद होगा और भर्ती कोर्ट में फंस जाएगी।
आरओ-एआरओ परीक्षा का पेपर फरवरी में लीक हुआ था
आरओ-एआरओ की परीक्षा लीक हुआ था तब दोबारा परीक्षा की मांग को लेकर लोक सेवा आयोग का अभ्यर्थियों ने घेराव किया था। आरओ-एआरओ परीक्षा का पेपर फरवरी में लीक हुआ था, तब दोबारा परीक्षा की मांग को लेकर लोक सेवा आयोग का अभ्यर्थियों ने घेराव किया था।
सबसे पहले दोनों परीक्षाओं की बात...
आयोग का तर्क- परीक्षाओं की शुचिता के लेकर दो दिन कराई जा रही परीक्षा
उप्र लोक सेवा आयोग ने सोमवार की रात एक बयान जारी कर कहा था, “परीक्षाओं की शुचिता और छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है। पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिन्हें खत्म करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।”
आरओ..एआरओ की 22 और 23 दिसंबर को होगी
बयान में आयोग ने कहा कि परीक्षाओं के संबंध में अभ्यर्थियों ने आयोग को पत्र भेजकर बताया है कि कुछ टेलीग्राम चैनलों एवं यू ट्यूबर्स द्वारा परीक्षा को टलवाने की साजिश की जा रही है। आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की। जहां पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।