मुंबई हमले की 14वीं बरसी पर CM योगी ने वीर जवानों को दी श्रद्धांजलि, कहा- अपनों के खोने की पीड़ा को नहीं भूलेगा देश

punjabkesari.in Saturday, Nov 26, 2022 - 12:57 PM (IST)

लखनऊ, ( अश्वनी सिंह ): आज मुंबई ताज आतंकी हमले की बरसी है। यह 26/11 का वह काला दिन है जिसे लोग चाह कर भी भुला नहीं सकते। आज इस हमले को 14 साल बीत चुके है, लेकिन इसकी खौफनाक तस्वीरें अभी भी लोगों के मन और दिमाग में ताजा है। इस आतंकी हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले की बरसी के दिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरने वालों को श्रद्धांजलि दी है और पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

 


बता दें कि 26 नवंबर 2008 की शाम तक मुंबई में हर-रोज की तरह हालात सामान्य थे। लोग बाजारों में घूम रहे और खरीदारी कर रहे थे। अचानक ही पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। आतंकियों के हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 ज्यादा घायल हुए थे। यह हादसा इतना खौफनाक था कि आज भी लोगों के दिल और दिमाग में उसकी तस्वीरें बसी हुई है। ये आतंकी पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते एक बोट में बैठकर आए थे। इन आतंकियों ने भारतीय मछुआरों को समुद्र में मौत के घाट उतारकर उनकी बोट छीन ली थी। इसी बोट से ये आतंकी मुंबई पहुंचे थे। लश्कर-ए-तैयबा के हाई ट्रेंड और भारी हथियारों से लैस इन दस आतंकियों ने मुंबई की कई प्रतिष्ठित जगहों को निशाना बनाकर गोलीबारी की और दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

 

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आतंकियों को मारने में पुलिस को लगे 4 दिन
आंतकियों ने रेलवे स्टेशन, रेस्टोरेंट, कामा अस्पताल, ताज होटल और नरीमन हाउस को अपना निशाना बनाया। पुलिस को रात के 09.30 बजे छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर गोलीबारी की खबर मिली। बताया गया कि यहां रेलवे स्टेशन के मुख्य हॉल में दो हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी की है। इन हमलावरों में एक मोहम्मद अजमल कसाब था जिसे फांसी दी जा चुकी है। दोनों हमलावरों ने एके 47 राइफलों से 15 मिनट गोलीबारी कर 52 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और 100 से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया था। आतंकियों को मार गिराने में भारतीय सुरक्षाबलों को चार दिन लगे थे। मुंबई हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। मरने वालों में विदेश से आए लोग भी शामिल थे। इसके अलावा सुरक्षा बलों के 10 जवान भी शहीद हुए थे। आज पूरा देश हमले में जान गंवाने वाले लोगों और इस हमले की जवाबी कार्रवाई में शहीद हुए देश के जवानों को याद कर रहा है।

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ताज होटल से निकलता धुंआ बना हमले की पहचान
भारतीय इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक इस हमले की यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती है। 26/11 के तीन बड़े मोर्चों में मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था। जब हमला हुआ तो ताज में 450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। खासतौर से ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ तो बाद में मुंबई पर हुए इस हमले की पहचान बन गया।

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26 नवंबर 2008 की उस रात को मुंबई गोलियों की गूंज से दहल गई थी। शुरू में किसी को अनुमान नहीं था कि ये हमला इतना बड़ा है, लेकिन जैसे जैसे कई जगहों से गोलीबारी की खबर आई सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हुई और धीरे-धीरे इस हमले के पैमाने और संजीदगी का अनुमान होना शुरू हुआ। यह हमला इतना खौफनाक था कि आज भी इस हमले को याद कर लोगों की रूह कांप जाती है।  


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Content Editor

Pooja Gill

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