गोरखपुर में 'पंचामृत' से दहशत! रेबीज़ वाली गाय का दूध पीने से 150 से ज्यादा ग्रामीणों को टीकाकरण का अलर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 02:51 PM (IST)
Gorakhpur News: गोरखपुर के एक गांव में रेबीज़ से पीड़ित एक गाय के कच्चे दूध से बने 'पंचामृत' के सेवन के बाद प्रशासन ने एहतियाती तौर पर टीकाकरण शुरू किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उनके मुताबिक, ग्राम के 150 से ज्यादा लोगों ने 'पंचामृत' का सेवन किया था और गाय की मौत के बाद गांव में रेबीज़ का खौफ फैल गया। यह मामला जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर उरुवा ब्लॉक के रामडीह गांव का है।
160 ग्रामीणों को दी गई रेबीज़ रोधी खुराकें, संक्रमित दूध से संक्रमण पर शोध नहीं
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) उरुवा के प्रभारी डॉ. जे पी तिवारी ने कहा कि अब तक लगभग 160 ग्रामीणों को रेबीज़ रोधी टीके की दो खुराकें दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई स्थापित शोध नहीं है जो दर्शाता हो कि संक्रमित गाय के दूध से मनुष्यों में रेबीज़ फैल सकता है। हालांकि, एहतियात के तौर पर, हमने टीकाकरण की सलाह दी है। इस गाय के दूध का इस्तेमाल राजीव गौड़ और सोनू विश्वकर्मा द्वारा आयोजित एक धार्मिक समारोह में किया गया था। शनिवार को गाय की मौत के बाद दहशत फैल गई, क्योंकि गाय में रेबीज के लक्षण दिखाई दिए थे।
कुत्ते के काटने के बाद गाय की मौत, ग्रामीणों को दी जाएंगी कुल 3 टीके की खुराकें
ग्रामीणों के अनुसार, गाय धर्मेंद्र गौड़ की थी और लगभग 3 महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने उसे काट लिया था लेकिन धर्मेंद्र ने कथित तौर पर अपनी गाय का टीकाकरण नहीं करवाया, जिससे बाद में उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों को संक्रमित माना गया है, उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार टीके की कुल 3 खुराकें दी जाएंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने कहा कि एक विशेषज्ञ चिकित्सा दल घटनाक्रम पर नज़र रख रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे घबराएं नहीं और ना ही अफवाहें फैलाएं और टीके की पूरी खुराकें लें।

