142 साल पुराने पुल से ‘प्रवेश वर्जित’ को नकार धड़ल्ले से गुजरते हैं ओवरलोड वाहन

punjabkesari.in Monday, Jan 25, 2021 - 05:43 PM (IST)

बुलंदशहरः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 1878 की अंग्रेजी हुकूमत में तैयार किया गया रामघाट की हजारा नहर का पुल जर्जर हो चुका है। सिंचाई विभाग को यहां बोर्ड लगाना पड़ा कि पुल पर भारी वाहनों प्रवेश वर्जित है, मगर उसके बाद भी करीब डेढ़ सौ मीटर लंबे दो पुलों से धड़ल्ले से ओवरलोड वाहन गुजरते हैं।जिसके बाद स्थानीय लोगों को पुल की चिंता सताने लगी है।

बता दें कि नियमों को ताख पर रखकर अपने फायदे के लिए मनमानी करने वाले खतरे से अनजान लापरवाह लोगों द्वारा उस बोर्ड को उखाड़ फेंक दिया गया। जिस चेतावनी बोर्ड पर सिंचाई विभाग ने लिखा था, सावधान पुल बहुत पुराना है इसपर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है।

बुलंदशहर के रामघाट की हाजरा नहर का पुल तकरीबन 142 साल पुराना हैं। अंग्रेजी हुकूमत में तैयार किए गए तकरीबन 150 मीटर लंबे दोनों पुलों की चौड़ाई सिर्फ इतनी है कि इनके ऊपर, एक वक्त में सिर्फ एक वाहन गुजर पाता है। स्थानीय लोगों का दावा है कि दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले ये पुल जर्जर हो चुके हैं। मगर उसके बाद भी पुल के ऊपर से धड़ल्ले से ओवरलोड वाहन गुजरते हैं जिससे इन लोगों हादसे का डर सताता रहता है।

बताया गया कि गोकुलपुर खादर और झंडू सिंह घेर में सरकारी टेंडर पर बड़े पैमाने पर बालू खनन होता है, यही कारण है कि पुल से अक्सर ओवरलोड वाहन गुजरते हैं। मगर फिर भी न तो सिंचाई विभाग की ओर से पुल पर जाल लगवा कर ओवरलोडिंग वाहनों का प्रवेश रुकवाया जा रहा है और न ही प्रशासन की ओर से ही वाहनों पर कोई सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। वहीं सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता जुल्फिकार खान से जब हमारी टीम ने फ़ोन से बात की तो उनकी ओर से दावा किया गया कि नए पुल के निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है और जल्द ही यहां नए पुल का निर्माण कराया जाएगा।

 


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Moulshree Tripathi

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