PHOTOS: आसान नहीं था पहलवानी, शिक्षक फिर राजनीति में उतरने का सफर, मुलायम ने साइकिल से ही किया चुनाव प्रचार

punjabkesari.in Monday, Oct 10, 2022 - 04:24 PM (IST)

लखनऊ: भारतीय राजनीति में जमीनी नेताओं में शुमार मुलायम सिंह यादव आज हमारे बीच नहीं रहे हैं। पूरे यूपी में शोक की लहर है। कई दिग्गज नेताओं ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है। मुलायम सिंह यादव का उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में उनकी खांटी राजनीति के कारण ‘धरती पुत्र' की संज्ञा दी जाती है। उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं।
PunjabKesari
22 नवंबर, 1939 को इटावा के सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव के पिता एक पहलवान थे और मुलायम सिंह को भी पहलवान बनाना चाहते थे। हालांकि मुलायम सिंह पहलवानी के कारण ही राजनीति में आए। दरअसल मुलायम सिंह यादव के राजनैतिक गुरु नत्थूसिंह मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान मुलायम से काफी प्रभावित हुए और फिर यहीं से मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक करियर शुरु हो गया। मुलायम सिंह यादव साल 1967 में इटावा की जसवंतनगर विधानसभा से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे।
PunjabKesari
मुलायम सिंह यादव यह चुनाव भारतीय राजनीति के दिग्गज राममनोहर लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर यह चुनाव जीते थे। इसी बीच 1968 में राममनोहर लोहिया का निधन हो गया। इसके बाद मुलायम उस वक्त के बड़े किसान नेता चरणसिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल में शामिल हो गए। 1974 में मुलायम सिंह बीकेडी के टिकट पर दोबारा विधायक बने।
PunjabKesari
इसी बीच इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह यादव भी जेल गए। जसवंतनगर से तीसरी बार विधायक चुने जाने पर मुलायम सिंह यादव रामनरेश यादव की सरकार में सहकारिता मंत्री बने। चरणसिंह के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक कद बढ़ना शुरु हुआ। हालांकि चरण सिंह की दावेदारी के लिए मुलायम सिंह यादव और चरण सिंह के बेटे और रालोद नेता अजीत सिंह में वर्चस्व की लड़ाई भी छिड़ी। 1990 में जनता दल में टूट हुई और 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की नींव रखी।
PunjabKesari
राजनैतिक गठजोड़ के चलते मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 1991 में हुए मध्यावधि चुनाव हुए और मुलायम सिंह यादव को हार का मुंह देखना पड़ा। 1993 में मुलायम सिंह यादव ने सत्ता कब्जाने के लिए बहुजन समाज पार्टी के साथ गठजोड़ कर लिया। यह गठजोड़ काम कर गया और वह फिर से सत्ता में आ गए। मुलायम सिंह यादव केन्द्र में रक्षा मंत्री भी बने।
PunjabKesari
एक बार गठजोड़ के चलते मुलायम सिंह यादव देश के प्रधानमंत्री बनने के काफी करीब पहुंच गए थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया।   

PunjabKesari
नेल्सन मंडेला के साथ मुलायम सिंह यादव। साथ में हैं यूपी के तब के राज्यपाल सत्यनारायण रेड्‌डी।

PunjabKesari
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव शामिल हुए थे।

PunjabKesari
ये दोस्ती...इस फोटो में राजनीति के चार दिग्गज नेता नजर आ रहे हैं। शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान।

PunjabKesari
यह तस्वीर मुलायम और उनकी पहली पत्नी मालती देवी की है।

PunjabKesari
9 जुलाई को मुलायम की दूसरी पत्नी साधना का निधन हुआ था। ये तस्वीर उसी दिन की है।

PunjabKesari
ये तस्वीर 10 अक्टूबर की है। निधन के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया पर शेयर कर लिखा- 'मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।'
 


 


 


 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static