जनसंख्या नियंत्रणः नसबंदी कराने में पुरुषों में नहीं दिख रही रुचि, महिलाएं अव्वल
punjabkesari.in Thursday, Sep 29, 2022 - 04:41 PM (IST)

हरदोईः देश में बढ़ती जनसंख्या बड़ी समस्या बनती जा रही है। इस पर नियंत्रण के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से तमाम कवायदें की जा रहीं हैं बावजूद इसके कुछ खास परिणाम नहीं देखने को मिल रहे हैं। परिवार नियोजन के लिए परिवार कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही नसबंदी योजना भी उसी का एक हिस्सा है, इसमें महिला-पुरुष दोनों की नसबंदी का प्रविधान है। इसमें पुरुष महिलाओं से बहुत पीछे हैं। दो साल में सिर्फ 11 पुरुषों ने नसबंदी कराई है जबकि महिलाओं की संख्या 400 के पार है। जागरूकता की कमी व मन में स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की भ्रांतियों के कारण पुरुष आगे नहीं आते हैं। अधिकांश पुरुषों को लगता है कि उनकी शारीरिक क्षमता पर असर पड़ेगा जबकि चिकित्सकों के अनुसार ऐसा बिल्कुल नहीं है।
नसबंदी पर महिला को 2000 व पुरुष को 3000 मिलती है प्रोत्साहन राशि
जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार कल्याण विभाग के परिवार नियोजन अभियान के तहत महिला की नसबंदी पर 2000 व पुरुष की नसबंदी पर 3 हज़ार रुपये दिए जाते हैं। इसे प्रोत्साहन राशि कहा जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से परिवार नियोजन के लिए विविध कार्यक्रम चलाए जाते हैं। नसबंदी के लिए महिलाओं में अधिक रूझान देखा जाता है। पुरुष तमाम भ्रांतियों के कारण आगे नहीं आते हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की ज़रूरत है।
परिवार नियोजन के तहत किया जा रहा नसबंदी का कार्यः डॉ. विनीता चतुर्वेदी
ज़िला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनीता चतुर्वेदी ने बताया कि परिवार नियोजन के तहत महिलाओं को जागरूक करके उनकी नसबंदी का कार्य किया जा रहा है। आशाओं के माध्यम से महिलाएं नसबंदी कराने आ रही हैं। ज़िला अस्पताल में वर्ष 2020-21 में 284 महिलाएं व पांच पुरुष तथा 2021 से 28 सितंबर 2022 तक 118 महिलाएं व 6 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं। आशाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अस्पताल में सीजर दूरबीन के द्वारा नसबंदी का कार्यक्रम किया जाता है। नसबंदी कराने पर महिलाओं व पुरुषों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है तथा आशाओं को भी नसबंदी के प्रति प्रेरित करने पर इंसेंटिव दिया जाता है।