योगीराज: मंदिर में जाने से नाराज हुआ पुजारी, दलित युवक के तोड़े दोनों पैर

punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2020 - 12:50 PM (IST)

बलिया: भले ही हम 21वीं सदी में चांद पर पहुंच गए हैं लेकिन आज भी कहीं ना कहीं जातिवाद हम पर हावी है। ऐसा ही एक मामला बलिया में देखने को मिला है। जहां एक दलित युवक को मंदिर में जाने की वजह से पुजारी ने इतनी पिटाई की कि उसका दोनों पैर टूट गया। पीड़ित इस समय बलिया जिला चिकित्सालय में भर्ती है। 

मामला बलिया जनपद के फेफना थाना अंतर्गत मालदेपुर गाँव का है। यहां के एक दलित युवक धर्मेन्द्र राम ने मंदिर के पुजारी सहित तीन लोगों पर मारपीट करने एवं मंदिर में पूजा करने से रोकने का आरोप लगाया है। बलिया जिला चिकित्सालय में भर्ती धर्मेन्द्र राम का कहना है की उसे गाँव के शिव मन्दिर में सिर्फ इसलिए जाने से रोक दिया गया क्योंकि वह हरिजन (दलित) है।

धर्मेन्द्र राम ने बताया कि ‘‘मैं मंदिर में सुबह दर्शन के लिए जाता था तो मंदिर के पुजारी ने बोला कि यहां चमार-शियार नहीं बैठ सकता है। इसलिए मेरी पिटाई कर दी। धर्मेन्द्र ने बताया कि अमित, अजीत और एक अन्य युवक ने पिटाई की है। हमने रिपोर्ट दिया है लेकिन अभी तक पुलिस आई नहीं है। दर्द से कराह रहे धर्मेन्द्र ने बताया कि हमारा दोनों पैर टूट गया है। हमें सरकार से उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।’’
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गाँव के हरिजन दहशत में, नहीं जा रहे हैं मंदिर: पीड़ित की पत्नी 
पिटाई से आहत बुजुर्ग पिता और पत्नी के आंशु रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं क्योंकि जिस गाँव के मन्दिर में पूजा कर वो दुआएं मांगते थे उसी मन्दिर के पुजारी ने धर्मेन्द्र की इतनी पिटाई की कि उसका पैर टूट गया। धर्मेन्द्र की पत्नी कबूतरी देवी का कहना है कि गाँव में रहने वाले हरिजन दहशत में हैं और कोई भी मन्दिर में नहीं जा रहा है। कबूतरी देवी ने बताया, ‘‘मंदिर पर रोज रोज जा रहे थे इसलिए पुजारी ने मारकर पैर तोड़ दिया। वो लोग कह रहे हैं कि मंदिर पर चमार-शियार लोग आए क्यों? पहले सबलोग मंदिर जाते थे लेकिन जिस तरह से पिटाई की गई है अब कोई नहीं जा रहा है। भगवान को मानती हो के सवाल पर कबूतरी ने बताया कि बिना भगवान को माने ही मंदिर जा रहे थे क्या। पति की पिटाई से हमें बहुत दुख है। 

एसपी ने आरोप को बताया गलत 
वहीं इस पुरे मामले में बलिया पुलिस के अपर एएसपी संजय कुमार का कहना है कि पीड़ित के तहरीर पर दो नामजद सहित एक अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। हालांकि एडिशनल एसपी का कहना है कि पीड़ित व्यक्ति शराब के नशे में गिर गया था और उसे चोट लग गयी। मन्दिर में प्रवेश से रोकने का आरोप गलत है। 

जातिवाद समाज के लिए है कलंक, भेदभाव की वजह से ही एक नहीं हो पा रहे हिंदू
समाज में समानता की लाख बहस चलती हो पर हकीकत यही है कि जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव करने वाले अपनी दूषित मानसिकता से सामाजिक ताने-बाने को तोडऩे में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आज हिंदूवादी लोग भारत में ही हिंदू खतरे में हैं का राग अलापते हैं लेकिन जब तथाकथित उच्च हिंदुओं द्वारा ही हिंदुओं (खासकर दलितों) के खिलाफ भेदभाव किया जाता है को पता नहीं कहां चले जाते हैं। इस पर कोई हिंदूवादी संगठन आवाज नहीं उठाता। इसी भेदभाव की वजह से बंटा हिंदू समाज एकजुट नहीं हो पा रहा है जो एक सच्चाई है।  


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Ajay kumar

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