सपना बनकर रह गए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, राजधानी लखनऊ में ही करीब 5 हजार लाभार्थी योजना से वंचित
punjabkesari.in Thursday, Nov 17, 2022 - 05:58 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जरूरतमंदों को मुख्यमंत्री आवास तो मिल गए, लेकिन प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास का सपना कब साकार होगा यह पता नहीं है। हजारों लाभार्थी ऐसे हैं जिनका वर्ष 2018-19 में आवास प्लस योजना के तहत चयन हुआ था, जिन्हें हर साल केंद्र सरकार से लक्ष्य आने पर क्रम और फार्मूले के अनुसार आवास आवंटित किए, लेकिन शेष बचे लाभार्थियों के लिए इस वर्ष किसी तरह का लक्ष्य नहीं आया है और जरूरतमंद परिवार उम्मीद लगाए बैठे हैं, जिन्हें गर्मी, बारिश के बाद अब सर्द रात काटना मुश्किल दिख रहा है।
प्रदेश में कितने लाभार्थी कतार में हैं यह बताना मुश्किल है, जबकि राजधानी लखनऊ से अंदाजा लगा सकते हैं, जहां करीब पांच हजार लाभार्थी योजना से वंचित हैं। इस मामले पर उपायुक्त ग्राम्य विकास (आवास) एके सिंह ने जानकारी से इंकार किया।
लक्ष्य से पहले हुआ था पंजीयन अपात्र हो सकते रोडा
इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में केंद्र सरकार से आवासों का लक्ष्य नहीं आया तो समय की बचत के लिए पहले से पंजीयन और सत्यापन करा लिया गया, जो लगभग सभी जगह पूरा हो गया है। पिछले वर्ष भी लाभार्थियों का सत्यापन कराया गया था, जिसमें अपात्र मिले थे। कन्नौज के तिर्वा तहसील क्षेत्र में कई अपात्र मिले थे। इससे चर्चा यह भी है कि अपात्र लाभ न उठाएं इसलिए प्रक्रिया प्रभावित है।