BHU के प्रोफेसर ने कहा- प्लास्टिक सर्जरी के जन्मदाता थे महर्षि सुश्रुत

punjabkesari.in Thursday, Oct 20, 2022 - 08:04 PM (IST)

गोरखपुर: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर एस.जे. गुप्ता ने बृहस्पतिवार को प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में महर्षि सुश्रुत के योगदान का जिक्र करते हुए उन्हें इस पद्धति का जनक बताया।

महर्षि सुश्रुत ने ईसा पूर्व छठी शताब्दी में काशी में लिया था जन्म
प्रोफेसर गुप्ता ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के श्री गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में सातवें आयुर्वेद उत्सव के दौरान महर्षि सुश्रुत पर व्याख्यान देते हुए कहा, ''महर्षि सुश्रुत ने प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान किया था। एक तरह से वह प्लास्टिक सर्जरी के जनक थे।'' उन्होंने कहा ''महर्षि विश्वामित्र के पुत्र महर्षि सुश्रुत ने ईसा पूर्व छठी शताब्दी में काशी में जन्म लिया था। आयुर्वेद में शल्य क्रिया के सटीक परिणाम मिलते हैं, लेकिन बाद में जागरुकता में गिरावट आती गयी। इस पद्धति को पुनर्स्थापित जाएगा।''

सुश्रुत संहिता मानव जाति के लिये मूल्यवान उपहार
प्रोफेसर ने कहा कि सुश्रुत संहिता मानव जाति के लिये एक मूल्यवान उपहार है तथा तुलनात्मक रूप से यह संहिता अधिक व्यावहारिक भी है। उन्होंने कहा कि इस संहिता का 66वां अध्याय शल्य क्रिया पर आधारित है और अच्छा वैद्य बनने के लिये कार्य का अनुभव होना जरूरी है।

डिलिवरी से लेकर मोतियाबिंद का किया था मुश्किल ऑपरेशन
माना जाता है कि सुश्रुत ने 2600 साल पहले डिलिवरी, मोतियाबिंद, कृत्रिम अंग लगाना, पथरी का इलाज और प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई तरह की मुश्किल सर्जरी को पूरा किया था। मॉर्डन साइंस के मुताबिक 400 साल पहले ही सर्जरी के बारे में दुनिया को पता लगा था। लेकिन सुश्रुत ने कई हजार साल पहले इस काम को करके दिखा दिया था। कहते हैं कि सुश्रुत के पास अपने बनाए उपकरण थे जिन्हें वो उबालकर प्रयोग करते थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Mamta Yadav

Related News

static