संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को धर्म या वर्ग के दायरे में नहीं बांधा जा सकता : अदालत

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 09:31 AM (IST)

लखनऊ, 26 अक्टूबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आपत्तिजनक तस्वीरें डालने के एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि मोदी तथा अन्य संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को किसी एक वर्ग या धर्म के दायरे में बांधा नहीं जा सकता और वे देश के हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान की पीठ ने सोमवार को 60 वर्षीय आफाक कुरैशी की जमानत मंजूर करते हुए कहा "इस देश के हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह इस महान देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोगों का सम्मान करे।" कुरैशी के खिलाफ व्हाट्सएप पर प्रधानमंत्री मोदी की कूट रचित आपत्तिजनक तस्वीरें साझा करने के आरोप में राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में उसे गत 19 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
कुरैशी ने अदालत के सामने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा "मैं इस गैरकानूनी हरकत पर शर्मिंदा हूं क्योंकि वह आपत्तिजनक तस्वीर मेरे मोबाइल फोन से अपलोड की गई।" हालांकि कुरैशी ने जोर देकर कहा कि उसने यह काम नहीं किया है। दरअसल किसी अराजक तत्व ने इसे अंजाम दिया है जो उसे फंसाना चाहता था। नहीं तो कोई भी व्यक्ति क्षेत्र के थानाध्यक्ष द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर ऐसी तस्वीर क्यों साझा करेगा।


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PTI News Agency

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