भारत की एकता और अखंडता के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया था बलिदान : योगी
punjabkesari.in Thursday, Jun 23, 2022 - 04:36 PM (IST)
लखनऊ, 23 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारत की एकता और अखंडता के लिए तथा भारत को किसी भी प्रकार की चुनौती से मुक्त करने के लिए अपना बलिदान दिया था।
मुख्यमंत्री योगी ने डॉ. मुखर्जी के बलिदान दिवस पर बृहस्पतिवार को यहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
योगी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि डॉ. मुखर्जी महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, समाजसेवी तथा राजनीतिक चिंतक थे और वे भारत की एकता और अखंडता के प्रबल पक्षधर एवं भारत माता के एक महान सपूत थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर पूरा राष्ट्र उन्हें स्मरण कर रहा है और उन्हें आज उत्तर प्रदेश शासन एवं प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कोटि-कोटि नमन करता हूं।
योगी ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का स्पष्ट मत था कि ‘एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान’ नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने आज ही के दिन वर्ष 1953 में कश्मीर मुद्दे पर अपना बलिदान दिया था। उनका बलिदान स्वतंत्र भारत का एक ऐसा बलिदान था, जिसने उस समय पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने डॉ. मुखर्जी के बलिदान दिवस पर बृहस्पतिवार को यहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
योगी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि डॉ. मुखर्जी महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, समाजसेवी तथा राजनीतिक चिंतक थे और वे भारत की एकता और अखंडता के प्रबल पक्षधर एवं भारत माता के एक महान सपूत थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर पूरा राष्ट्र उन्हें स्मरण कर रहा है और उन्हें आज उत्तर प्रदेश शासन एवं प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कोटि-कोटि नमन करता हूं।
योगी ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का स्पष्ट मत था कि ‘एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान’ नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने आज ही के दिन वर्ष 1953 में कश्मीर मुद्दे पर अपना बलिदान दिया था। उनका बलिदान स्वतंत्र भारत का एक ऐसा बलिदान था, जिसने उस समय पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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