रायबरेलीः अखिलेश ने किया मान्यवर कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण, कहा- हम डॉ0 अम्बेडकर-कांशीराम के रास्ते पर चलने वाले लोग
punjabkesari.in Monday, Apr 03, 2023 - 08:11 PM (IST)

रायबरेलीः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को रायबरेली पहुंचे। यहां पर जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में सपाइयों ने भव्य स्वागत किया। सपा प्रमुख ने रायबरेली के मान्यवर कांशीराम महाविद्यालय चरूहार, जियायक में सामाजिक परिवर्तन के महानायक मान्यवर कांशीराम जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के पिताजी स्वर्गीय बदलू मौर्य की प्रतिमा का भी अनावरण किया। कार्यक्रम का आयोजन स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया था।
मान्यवर कांशीराम जी की प्रतिमा लगाने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य को बधाई
इस अवसर पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी संस्था में मान्यवर कांशीराम जी की प्रतिमा लगवाकर जिस राजनीति की शुरुआत की है, उसके लिए उन्हें बधाई। मान्यवर कांशीराम जी ने नई तरह की राजनीति की शुरुआत की थी। उनके साथ जो भेदभाव हुआ उसको देखकर उन्होंने जो शुरुआत की, उससे परिवर्तन आया। उन्होंने बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के रास्ते पर चलकर समाज के सबसे पिछड़े तबके के लोगों को जगाने के लिए घर-घर जाकर काम किया।
हम डॉ0 अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम के रास्ते पर चलने वाले लोग-
अखिलेश यादव ने कहा कि हम बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं। हम बहुजन समाज में सेंध लगाने नहीं, बहुजन समाज को बांधने वाले हैं। नेताजी मुलायम सिंह यादव और मान्यवर कांशीराम ने देश में एक नई तरह की राजनीति शुरू की थी। नेताजी ने मान्यवर कांशीराम जी को इटावा से लोकसभा जिताकर दिल्ली संसद में पहुंचाने में मदद की थी और देश में नई राजनीति की शुरूआत की थी। आज समाज को जोड़ने की जरूरत है। समाजवादी आंदोलन में डॉ0 राममनोहर लोहिया ने जो रास्ता दिखाया था, वह वही रास्ता है जो बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम जी का है।
सबका साथ, सबका विकास तभी हो सकता है, जब जातीय जनगणना हो
अखिलेश यादव ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास तभी हो सकता है, जब जातीय जनगणना हो। बिना जातीय जनगणना के सामाजिक न्याय और सबका साथ, सबका विकास सम्भव नहीं है। भाजपा जिस तरह के फैसले ले रही है, उसमें पिछड़ों, दलितों गरीबों की गिनती नहीं होगी। भाजपा सब कुछ निजी हाथों में सौंप रही है। निजीकरण होने के बाद पिछड़ों, दलितों, को संविधान में दिया गया अधिकार कैसे मिलेंगे?