सपा के मैनिफेस्टो पर राजभर ने उठाए सवाल, कहा-  जब सत्ता में थे तब नहीं याद आया, अब लागू करेंगे मैनिफेस्टो

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2024 - 06:13 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बदायूं से शिवपाल यादव की जगह आदित्य यादव के चुनाव लड़ने के फैसले पर तंज कसा है। उन्होंने अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को सलाह देते हुए कहा कि पहले चाचा, भतीजा समझ ले कि बदायूं से किसे चुनाव लड़ना है। उन्होंने कहा कि टिकट देने से पहले परिवार के लोग बात कर ले फिर ऐलान करें। उन्होंने कहा कि इस तरह से कही न नहीं परिवार में मदभेद नजर आ रहा है।  सरकारी अस्पताल में अपनी माँ का इलाज करा रहे राजभर ने सारे जन प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि अपना और अपने परिवार का इलाज सरकारी अस्पताल में ही कराएं ताकि वहां की कमियों के बारे में पता चले और आम जनता का डर भी खत्म हो। लखनऊ में राजभर ने ये बयान दिया। 

सपा का मैनिफेस्टो 
समाजवादी पार्टी (सपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया। इस दस्तावेज में जातिवार जनगणना कराने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अनेक वादे किए गए हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने यहां पार्टी राज्य मुख्यालय पर दल का चुनाव घोषणा पत्र 'जनता का मांग पत्र, हमारा अधिकार' जारी किया। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (‘इंडिया') के प्रमुख घटक दल सपा के 20 पन्नों के घोषणा पत्र में इस बार पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) सरकार का आह्वान किया गया है। सपा अध्यक्ष ने इस मौके पर कहा, "हम अपने इस विजन डॉक्यूमेंट के साथ जनता के बीच जा रहे हैं और हमें उम्मीद है कि जनता समाजवादियों का और गठबंधन का समर्थन करेगी तथा उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत के साथ इंडिया गठबंधन सबसे ज्यादा सीटें जीतेगा।" 


घोषणा पत्र में लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर जातिवार जनगणना कराये जाने और इसके आधार पर 2029 तक सबको न्याय और हिस्सेदारी सुनिश्चित करने, वर्ष 2025 तक अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े वर्ग के सभी सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, निजी क्षेत्र में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने और 2029 तक गरीबी का पूरी तरह से खात्मा करने का वादा किया गया है। इसके अलावा घोषणा पत्र में सेना में अल्पकालिक भर्ती की अग्निपथ योजना को खत्म कर सशस्त्र बलों में स्थाई भर्ती एक बार फिर शुरू करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने, किसानों के कृषि सम्बन्धी कर्ज माफ करने, मुफ्त सिंचाई की सुविधा देने, किसान आयोग का गठन करने और सभी भूमिहीन छोटे और सीमांत किसानों को पांच हज़ार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने के वादे किए गए हैं। 


घोषणा पत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए महिला अपराधों के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं' की नीति अपनाने और देशव्यापी हेल्पलाइन बनाने, परिसीमन का इंतजार किए बगैर दो साल के अंदर संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के वादे भी किए गए हैं। सपा के घोषणा पत्र में मुफ्त राशन में गेहूं की जगह आटा देने और हर राशन कार्ड धारक परिवार को 500 रुपए का मोबाइल डाटा मुफ्त देने का वादा भी किया गया है। इसके अलावा निशुल्क शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने शिक्षा के लिए बजट को जीडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत करने तथा सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य के अधिकार की कानूनी गारंटी देने का वादा भी किया गया है। घोषणा पत्र में केंद्रीय और राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण बंद करने और छंटनी रोकने और ‘स्मार्ट विलेज क्लस्टर डेवलपमेंट अथॉरिटी' के माध्यम से संचालित होने वाले ‘स्मार्ट विलेज क्लस्टर्स' को पूरे देश में स्थापित करने के वादे प्रमुख रूप से किए गए हैं। सपा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के तहत उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि कांग्रेस 17 सीटों पर मैदान में है। इसके अलावा भदोही लोकसभा सीट तृणमूल कांग्रेस को दी गई है। 


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Content Writer

Ramkesh

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