Fraud: धर्मगुरु ने धोखे से की युवती से शादी, कोर्ट ने घोषित किया शून्य
punjabkesari.in Thursday, Jul 11, 2024 - 08:41 AM (IST)
लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए एक कथित धर्मगुरु द्वारा धोखाधड़ी कर 18 वर्षीय युवती से किए गए विवाह को शून्य घोषित कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि विवाह हिंदू रीति के बिना हुआ है तो उक्त विवाह के लिए मैरिज रजिस्ट्रार द्वारा जारी मैरिज सर्टिफिकेट या आर्य समाज मंदिर द्वारा जारी प्रमाणपत्र का कोई महत्व नहीं रह जाता।
अपीलार्थी युवती की मां व मौसी उसकी अनुयायी थीं
अपील में परिवार न्यायालय, लखनऊ के 29 अगस्त 2023 के निर्णय को चुनौती दी गई थी। अपीलार्थी युवती की ओर से दलील दी गई कि प्रतिवादी एक धर्मगुरु है। युवती की मां व मौसी उसकी अनुयायी थीं। 5 जुलाई 2009 को उसने अपीलार्थी व उसकी मां को अपने यहां बुलाया व कुछ दस्तावेजों पर यह कहते हुए दोनों के हस्ताक्षर करवाए कि वह उन्हें अपने धार्मिक संस्थान का नियमित सदस्य बनाना चाहता है। इसके पश्चात 3 अगस्त 2009 को भी उसने सेल डीड में गवाह बनने के नाम पर रजिस्ट्रार ऑफिस बुलाकर दोनों के हस्ताक्षर करवा लिए। कुछ दिनों बाद उसने अपीलार्थी के पिता को सूचना दी कि 5 जुलाई 2009 को उसका आर्य समाज मंदिर में अपीलार्थी से विवाह व 3 अगस्त 2009 को पंजीकरण भी हो चुका है। कहा गया कि सभी दस्तावेज धोखाधड़ी कर के बनवाए गए। अपील का प्रतिवादी ने विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि विवाह को सिद्ध करने का भार प्रतिवादी पर था। परंतु हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 के तहत हिंदू रीति से विवाह होना वह सिद्ध नहीं कर सका। ऐसे में धारा के तहत विवाह संपन्न होना नहीं माना जा सकता।
अधिवक्ता गुरुवार को भी न्यायिक कार्य से रहेंगे विरत
प्रयागराज : हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कुछ जजों के आचरण को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए गुरुवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहने का संकल्प लिया है। वर्तमान स्थिति के बारे में मुख्य न्यायाधीश को पत्र के जरिये अवगत कराकर यथाशीघ्र कार्यवाही करने की मांग की है। एसोसिएशन ने रजिस्ट्री द्वारा अधिवक्ता रोल नंबर का डेटा प्रदान करने से इनकार करने के बारे में भी अपनी शिकायत उठाई है।