RLD प्रदेश अध्यक्ष ने खोली योगी सरकार की पोल- गन्ना मूल्य को न बढ़ाना किसान विरोधी नीति का उदाहरण

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 05:28 PM (IST)

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने कहा कि वर्तमान सत्र में भी गन्ने का मूल्य न बढ़ाया जाना प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीति का एक और उदाहरण है। डॉ अहमद ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि दो पेराई सत्र लगातार गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया और गन्ने का हजारों करोड़ रूपया चीनी मिलों पर बकाया है। केन एक्ट के अनुसार भाजपा की घोषणा के अनुरूप 14 दिन में बकाया भुगतान न होने पर ब्याज मिलने की बात कही गयी थी लेकिन न ही पिछले बकाया मूल्य का ब्याज दिया गया और वर्तमान बकाये पर ब्याज मिलने की कोई सम्भावना है। गन्ना किसान प्रतीक्षा कर रहे थे कि शायद इस पेराई सत्र में गन्ना मूल्य में बढोत्तरी होगी।       

उन्होंने कहा कि विगत तीन पेराई सत्र से लगातार रिजेक्टेड वैरायटी के गन्ने का मूल्य 310 रूपया, सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 315 रूपया और अगैती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 325 रूपया प्रति कुन्तल मिल रहा है। प्रदेश सरकार की किसान विरोधी विचारधारा के फलस्वरूप गन्ना मूल्य में कोई बढोत्तरी नहीं की गयी। पिछले बकाया मूल्य पर उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद किसानों को ब्याज का भुगतान नहीं किया गया और विगत सत्र का 16 हजार करोड रूपया पुन: बकाया हो गया उस पर भी ब्याज मिलने की कोई सम्भावना नहीं है। इस पर भी सरकार स्वयं को किसानों का हितैषी होने का खोखला दावा करती है।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन डबल इंजन की सरकारों में किसानों मजदूरों, और कामगारों के साथ दुर्भावना पूर्ण व्यवहार हुआ है यही कारण है कि देष के करोड़ों किसान विगत तीन महीने से आन्दोनरत हैं परन्तु सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। कोरोना काल में लाखों मजदूर सैकड़ों किमी पैदल चलकर अपने घरों तक पहुंचे तथा रास्ते में भूख प्यास से सैकड़ों मजदूर मर गये और आन्दोलन के दौरान लगभग 200 किसान शहीद हो गये परन्तु निर्दयी सरकारों के कर्णधारों ने किसानों और मजदूरों के नाम पर श्रद्धा के दो शब्द तक न कहे। कृषि प्रधान देष का इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता।


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Content Writer

Umakant yadav

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