शहीद रोशन सिंह का परिवार भुखमरी की कगार पर

punjabkesari.in Monday, Aug 15, 2016 - 12:30 PM (IST)

शाहजहांपुर: देश के लिए प्राण की आहुति देने वाले काकोरी कांड के नायक अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की परिजन गरीबी और बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर है। क्रान्तिकारी ठाकुर रोशन सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में खुदागंज से 10 किलोमीटर दूर स्थित गांव नवादा दरोबस्त में 22 जनवरी 1892 को हुआ था। उनकी माता जी का नाम कौशल्या देवी एवं पिता जी का नाम ठाकुर जंगी सिंह था। वह पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। 
 
असहयोग आन्दोलन में शाहजहांपुर और बरेली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में उन्होंने अथक योगदान दिया था। यही नहीं, बरेली में हुए गोलीकाण्ड में एक पुलिस वाले की रायफल छीनकर जबर्दस्त फायरिंग शुरू कर दी थी जिसके कारण हमलावर पुलिस को उल्टे पांव भागना पडा। मुकदमा चला और ठाकुर रोशन सिंह को सेण्ट्रल जेल बरेली में दो साल वामशक्कत कैद की सजा काटनी पडी थी। 
 
बरेली गोली काडं की सजा के बाद उनकी भेंट रामप्रसाद बिस्मिल से हुई जो उन दिनों बड़ी क्रान्तिकारी योजनाओं का खाका तैयार करने में लगे थे। रोशन सिंह के विचारों और व्यक्तित्व से प्रभावित होकर बिस्मिल ने उन्हें भी अपने दल में शामिल कर लिया। क्षत्रिय होने के कारण उन्हें तलवार, बन्दूक चलाने, कुश्ती और घुड़सवारी का भी शौक था। वह अचूक निशानेबाज थे। उनके साथी उन्हें भीमसेन कहा करते थे।

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