राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए चयनित संगीता शर्मा सोशल साइट्स पर छाईं, बधाई देने वालों का लगा तांता

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 07:50 PM (IST)

बदायूं: परिषदीय विद्यालय की स्वच्छता और व्यवस्थाओं पर देश भर में नाम रोशन करने वाली विकास क्षेत्र जगत के कंपोजिट विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापक संगीता शर्मा के घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। सुबह से लेकर शाम तक फोन पर और उनके घर पर जाकर बधाई दी गई। रविवार के अंक में एक समाचार पत्र में छपी इस खबर को लोगों खूब शेयर किया था।

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इसके बाद जिले के कई और शिक्षकों ने सोशल साइट्स पर कटिंग डालकर अपने विचार साझा किए थे। किसी समय जर्जरता और बदहाली के लिए जाने वाले परिषदीय विद्यालयों का भौतिक परिवेश तेजी से सुधर रहा है। कंपोजिट ग्रांट से विद्यालय की तस्वीर बदली जा रही है। वहीं बहुत से शिक्षक-शिक्षिकाएं ऐसे भी हैं जो विद्यालय को अपना परिवार मानकर चलते हैं। विद्यालय समय के बाद भी रुककर बेहतरी के लिए सोचते हैं। अपने वेतन का अंश खर्च करके छात्र-छात्राओं के लिए सुख सुविधाएं देते हैं। ऐसा ही है विकास क्षेत्र जगत कंपोजिट विद्यालय आमगांव। जहां तैनात इंचार्ज प्रधानाध्यापक संगीता शर्मा ने राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त होने के बाद जुनून नहीं छोड़ा। विद्यालय की बेहतरी के काम करती रहीं। इसका फल उन्हें राष्ट्र स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के रूप में मिला है।

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19 तारीख को उन्हें दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। बदलाव के नई कहानी गढ़ते इस विद्यालय की खबर को विभिन्न समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद बधाइयों का सिलसिला तेजी से चला। राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक विकास क्षेत्र कादरचौक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गंगपुर पुख्ता के शिक्षक प्रवीण कुमार ने फेसबुक पर उन्हें बधाई दी। शैक्षिक नवाचार एसोसिएशन के पदाधिकारी मनोज, सुधा रानी ने संगीता शर्मा के घर जाकर बधाई दी। विद्यालय के भौतिक परिवेश, सुविधाओं के अलावा शैक्षिक गुणवत्ता भी अच्छी है। यहां के छात्र-छात्राएं सभी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हैं। जिले से लेकर राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं में नाम रोशन कर चुके हैं। यहां की छात्रा शिवानी साहू की मेरा जीवन मेरा अधिकार विषय पर बनाई गई पेंटिंग को राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सराहा गया था।

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प्रधानाध्यापक संगीता शर्मा की लगन ने बना दिया स्कूल को मॉडल
प्रधानाध्यापक संगीता शर्मा प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान बैठने के लिए घर से बोरी लेकर जाती थी। स्कूल में शौचालय समेत अन्यसुविधाएं भी नहीं थी। तभी ठान लिया था कि वह टीचर बनकर प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी। आमगांव.स्कूल में तैनाती के बाद बुजुर्ग महिलाओं का माता समूह बनाया और क्षात्राओं की टीम बनाई। इन्हें बेकार की चीजों से काम की वसस्तुएं बनान सिखाया। 2016 में इंचार्ज प्रधानाध्यापक बनने के बाद स्कूल में सुधार करना शुरू किया। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2020 में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक मिलाकर कंपोजिट विद्यालय बना दिया गया। स्कूल में बच्चों के लिए जिस तरह की सुविधाएं जुटाई उसे मिशाल माना जाता है। 

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क्या कहती हैं संगीता शर्मा?
संगीता शर्मा बताती हैं कि यह सब उनकी इच्छाशक्ति और सामुदायिक सहयोग से हो पाया। समय-समय पर अभिभावकों के साथ बैठक की। ग्राम पंचायत और ग्राम शिक्षा समिति की बैठक में प्रस्ताव रखे। स्कूल में कई काम अपने वेतन से कराए। राष्ट्रपति पुरस्कार में मिले रुपयों से स्कूल के लिए टीवी प्रोजेक्टर खरीदा। संगीता शर्मा बताती है कि स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए 2021 में ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इसमें बेसिक, केंद्रीय विद्यालय और प्राइवेट स्कूल भी शामिल रहे। एक टीम ने स्कूल का भौतिक सत्यापन भी किया था।


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Content Writer

Ajay kumar

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