'राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे राम' वाले बयान पर संजय निषाद ने मांगी माफी, कहा- विपक्ष ने मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर किया पेश

punjabkesari.in Tuesday, Nov 09, 2021 - 02:04 PM (IST)

फतेहपुर: भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने राजा दशरथ के पुत्र राम पर विवादित बयान पर माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा दिए गए बयान में यदि कोई गलती हुई है तो मैं भगवान प्रभु श्रीराम से क्षमा मांगता हूं। इस दौरान विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष निषाद पार्टी व बीजेपी के गठबंधन से हताश है मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। निषाद राज और भगवान राम की गहरी मित्रा रही है। इस दौरान उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश पर तंज करते हुए कहा कि जो अपने परिवार को नहीं संभाल सकता वह प्रदेश कैसे संभाल पाएगा।  उन्होंने कहा जो अपने चाचा और पिता को धोखा दे सकता है वह प्रदेश की जनता को भी धोखा दे सकता है। संजय निषाद ने सपा सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त थी।

बता दें कि बीते सोमवार को संजय निषाद ने कहा है कि भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे, बल्कि वो पुत्रेष्टि यज्ञ कराने वाले श्रृंगी ऋषि  के बेटे थे। संजय निषाद का कहना है कि भगवान राम को राजा दशरथ का तथाकथित पुत्र कहा जा सकता है, लेकिन वो वास्तविक बेटे नहीं थे। संजय निषाद के मुताबिक, राजा दशरथ को जब कोई संतान नहीं हो रही थी तो उन्होंने श्रृंगी ऋषि से यज्ञ कराया था। ये यज्ञ सिर्फ कहने के लिए ही था। कहा जाता है कि श्रृंगी ऋषि द्वारा खीर दिए जाने से राजा दशरथ की तीनों रानियों के पुत्र पैदा हुए थे, जबकि हकीकत ये है कि खीर खाने से कोई भी महिला गर्भवती नहीं हो सकती। 

उन्होंने कहा कि राजा दशरथ और उनके साथ के लोग राम को सिर्फ राजकुमार ही समझते थे। उन्हें कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि राम के रूप में खुद भगवान उनके यहां मौजूद हैं। संजय निषाद ने कहा कि राम को भगवान समझने की क्षमता सिर्फ निषाद राज में ही थी, जो भगवान को पहचान लेता है उसका दर्जा भगवान से भी बड़ा हो जाता है। निषाद राज का यही दर्जा है। संजय निषाद के मुताबिक उस वक्त के इतिहासकारों ने भी सच नहीं लिखा था। 
 


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Ramkesh

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