शौचालय निर्माण में 4 लाख 50 हजार से ज्यादा का घोटाला, पंचायत सचिव समेत 4 पूर्व प्रधानों पर FIR दर्ज

punjabkesari.in Thursday, Mar 31, 2022 - 01:24 PM (IST)

कौशांबी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार अधिकारियों पर नकेल कर रही उसके बावजूद भी अधिकारी उनके मंसूबों पर पानी फेरने में लगे हुए है।  ऐसा ही मामला कौशांबी जिसे सामने आया है। निर्माण कार्य पूरा कराए बिना सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन की रकम निकालना सिराथू ब्लॉक के एडीओ पंचायत, पंचायत सचिव व चार पूर्व प्रधानों ने लाखों का घोटाला कर डाला है। इस मामले में डीएम सुजीत कुमार के निर्देश के बाद डीपीआरओ ने एफआईआर दर्ज करा दी है। उन्होंने बताया सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूरा नहीं कराया गया था। इसी  कार्य पूर्ण दिखाकर चार लाख 50 हजार 703 रुपये निकाल लिए गए थे। मुकदमा लिखकर कोखराज थाना पुलिस अब अपने स्तर से छानबीन कर रही है।

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दरअसल, जिला पंचायत राज अधिकारी डॉ. बाल गोविंद श्रीवास्तव ने एक अक्टूबर 2021 को सिराथू ब्लॉक के जमालमऊ, उलाचूपुर, रुपनारायणपुर सैलाबी व बघेलापुर उपरहार गांव का निरीक्षण किया था। उन्होंने बताया कि जमालमऊ में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूरा नहीं कराया गया था। इसी  कार्य पूर्ण दिखाकर चार लाख 50 हजार 703 रुपये निकाल लिए गए थे। इसी तरह उलाचूपुर में तीन लाख 73 हजार 80 रुपये, रूपनारायणपुर सैलाबी में चार लाख 42 हजार 120 रुपये व बघेलापुर उपरहार में तीन लाख 16 हजार 803 रुपये निकाले गए थे। सामुदायिक शौचालय के साथ-साथ पंचायत भवन के निर्माण में भी इसी तरह से खेल कर लाखों रुपये का बंदरबांट किया गया था। तत्कालीन प्रधानों, पंचायत सचिव के अलावा प्रधानी चुनाव के समय प्रशासन रहते हुए एडीओ पंचायत ने भी घोटाला किया था।

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डीपीआरओ ने उसी दौरान सभी को कारण बताओ नोटिस जारी की थी। किसी ने भी अब तक जवाब नहीं दिया। डीपीआरओ ने मंगलवार को कोखराज थाने में चारों गांवों के तत्कालीन प्रधान, पंचायत सचिव अर्चना सरोज और एडीओ पंचायत (प्रशासक) के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। मुकदमा दर्ज होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

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जिला पंचायत राज अधिकारी डॉ. बाल गोविंद श्रीवास्तव ने बताया कि यह मामला विकास खंड सिराथू का है जिसमें से चार ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास अधिकारी द्वारा पूर्व में जो कार्य कराये गए थे उसमे अनियमितता पाई गई । पंचायत भवन का कार्य अपूर्ण था और सामुदायिक शौचालय का कार्य आपूर्ण था तथा सहायता समूह विदाउट कार्य करते पेमेंट कर दिया जा रहा था इसको देखते हुए हमारे द्वारा 4 ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किया गया तथा पूर्व में इसके लिए दो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।  इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा ना ग्राम विकास अधिकारी द्वारा कोई भी जानकारी उपलब्ध कराई गई इसके बाद जिलाधिकारी निर्देशानुसार हमने 6  लोगों के खिलाफ चार पूर्व प्रधान तथा ग्राम विकास अधिकारी तथा एडीओ कोआपरेटिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।


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Content Writer

Ramkesh

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