महिलाएं शंकराचार्य नहीं बन सकतीं: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती

punjabkesari.in Friday, Aug 24, 2018 - 04:20 PM (IST)

मथुरा: द्वारका-शारदापीठ एवं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने एक बार फिर महिलाओं के धार्मिक परम्पराओं में हस्तक्षेप पर सवाल उठाते हुए कहा है कि महिलाएं अन्य क्षेत्रों के समान राजनीति में तो जा सकती हैं किंतु वे शंकराचार्य जैसी सनातन संस्था की प्रतिनिधि नहीं बन सकतीं।  

उन्होंने नेपाल में पशुपतिनाथ पीठ के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए उसकी स्थापना के लिए अखिल भारतीय विद्वत परिषद को कठघरे में खड़ा किया।  उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्वत परिषद के नाम से खड़ी की गई संस्था नकली शंकराचार्य गढऩे का कार्य कर रही है। यही नहीं, इसने पिछले दिनों नेपाल में पशुपतिनाथ के नाम से एक नई पीठ ही बना डाली। जबकि, इस तरह की कोई पीठ नहीं रही है।

उन्होंने इस पीठ पर महिला शंकराचार्य की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि लेकिन इसके लिए वहां एक महिला को शंकराचार्य बना दिया गया। जबकि कोई भी महिला शंकराचार्य पद पर आसीन नहीं हो सकती। ऐसा विधान स्वयं आदि शंकराचार्य द्वारा तय किया गया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static