‘उनके’ और ‘कौन’ के संबोधन से नजदीक आ रहे हैं शिवपाल-अखिलेश! जानिए, इसके मायने?

punjabkesari.in Sunday, Nov 15, 2020 - 07:00 PM (IST)

इटावा: चाचा भतीजे के बीच बेसक सामंजस्य की बातें हो रही हो लेकिन इसके बावजूद एक बड़ी बात सामने यह आई है। ना तो चाचा भतीजे का नाम ले रहे हैं और न भतीजा ही चाचा के नाम का संबोधन कर रहे हैं। दोनों के बीच अभी उनके और कौन का रिश्ता दिखाई दे रहा और इस संबोधन के कई मायने लगा जा रहे हैं।

जी हाँ ! चाचा यानि शिवपाल और भतीजा मतबल अखिलेश। दोनों के बीच एक लंबे अरसे से चल रहा सत्ता संघर्ष का मुद्दा हर किसी के जेहन में बना हुआ है। शिवपाल सिंह यादव से गठबंधन करने से जुड़े सवाल पर अखिलेश यादव की तरफ से जवाब में उनके शब्द का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद बारी आई शिवपाल सिंह यादव तो जबाब मे उन्होंने भी कौन शब्द से नवाज डाला।

फिलहाल चाचा भतीजे के बीच गठबंधन की राह में उनके और कौन शब्द से रास्ता बना है। हर किसी को इस बात का इंतजार होगा यह संबोधन शालीन हो। वैसे जब जसवंतनगर विधानसभा से सदस्यता रदद करने की याचिका वापस ली गई थी तब शिवपाल की तरफ से अखिलेश को लिखे धन्यवाद पत्र मे उन्हें प्रिय अखिलेश... सबोंधित किया जा चुका है। जिसकी भी खासी चर्चा उस समय हुई।

समाजवादी सरकार रहने के दरम्यान चाचा भतीजे के बीच सत्ता संघर्ष की लड़ाई इस कदर हावी होती चली गई जो काफी पहले खुलकर के सबके सामने पूरी तरह से आ चुकी है। इसी लड़ाई का असर यह हुआ है कि शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी मे ही रहते हुए अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन कर संसदीय चुनाव में किस्मत आजमाने उतर पड़े।


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Umakant yadav

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