Sonbhadra Mining Collapse: कागज़ों में एक मालिक, जमीन पर 9… अवैध खनन का बड़ा नेटवर्क बेनकाब; अब तक 6 मजदूरों की मौत

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 05:31 PM (IST)

Sonbhadra Mining Collapse: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में कृष्णा माइनिंग खदान हादसे ने छह मजदूरों की जान ले ली। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और अब तक छह शव निकाले जा चुके हैं। लेकिन इस भयावह दुर्घटना ने एक और खौफनाक परत खोली है, सालों से चल रहे अवैध खनन माफिया, ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों के गठजोड़ की। जांच में सामने आया है कि खदान का पट्टा कागज़ों में भले ही एक व्यक्ति के नाम था, लेकिन असली संचालन नौ प्रभावशाली लोगों की हिस्सेदारी में नियमों से परे किया जा रहा था। यानी खदान पर मालिकाना अधिकार ‘एक’ का, लेकिन मुनाफा ‘नौ’ लोगों का और यह सिलसिला 2016 से बिना किसी रोक-टोक के चलता रहा।

सालों से सुरक्षा मानकों की अनदेखी, विभाग रहा मौन
खदान 2016 में सक्रिय हुई थी और लगातार सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी करते हुए इसका संचालन होता रहा। खनन विभाग की अनदेखी और स्थानीय माफिया के संरक्षण ने अवैध खनन नेटवर्क को मजबूत किया। समय के साथ खदान एक स्थानीय ठेकेदार को सौंप दी गई, जिससे हिस्सेदारी और पैसों का खेल और गहराता गया। हादसे के बाद विभाग की सक्रियता बढ़ तो गई है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि जब मजदूर 52 घंटे तक मलबे में दबे थे, तब यह सतर्कता क्यों नहीं दिखाई दी?

52 घंटे के रेस्क्यू में अब तक 6 शव मिले
जांच के शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि इस खदान पर लंबे समय से कई सफेदपोशों और ठेकेदारों की अवैध पकड़ थी। लगातार 52 घंटे के बचाव अभियान में अब तक छह शव बरामद किए जा चुके हैं और प्रशासन का कहना है कि ऑपरेशन अब अंतिम चरण में है।

तीन पर केस दर्ज, बड़े नामों की भूमिका पर भी सवाल
जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि खदान संचालक समेत तीन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है और उनकी तलाश की जा रही है। तीन विशेष जांच टीमें मामले की गहराई में जा रही हैं। यह हादसा केवल एक त्रासदी नहीं, बल्कि सोनभद्र में पनपे सैकड़ों करोड़ के अवैध खनन नेटवर्क की विफल व्यवस्था का पर्दाफाश है- एक ऐसी प्रणाली जो मुनाफे के लिए कानून, सुरक्षा और मजदूरों की जान सभी को ताक पर रखती रही।
 


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Content Editor

Mamta Yadav

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