“SP-BSP गठबंधन का जनहित से लेना-देना नहीं था”

punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2019 - 05:58 PM (IST)

बस्तीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन अवसरवादी था, जो अपने परिवार को बचाने और भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए किया गया था।  द्विवेदी ने कहा कि इस गठबंधन की न कोई द्दष्टि थी न कोई सोच और न कोई जनहित से लेना देना था। बसपा प्रमुख मायावती द्वारा एक जाति विशेष पर वोट न देने के आरोप की निंदा करते हुए कहा कि जनता द्वारा सपा-बसपा की जातीय राजनीति को नकारने के बावजूद बसपा प्रमुख अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही है।

उन्होंने कहा कि मतदाता चाहे किसी भी जाति-धर्म या वर्ग हो वो किसी राजनीतिक दल का बधुंआ मजदूर नहीं होता है। हर मतदाता को यह अधिकार होता है कि वह राजनीतिक दलों द्वारा जनता के किए गए वादों और जनता के लिए किए गए कार्यो को आधार बनाकर अपनी पंसद या न पंसद के अनुसार अपने मत का प्रयोग करे। लेकिन बसपा प्रमुख की यह पुरानी आदत रही है कि वे जब भी चुनाव हारती है तो अपनी गलतियों से सबक लेने के बजाय किसी न किसी जाति-धर्म या वर्ग पर हार का ठीकरा फोड़ती है। भाजपा नेता ने कहा कि अपने पिता की राजनीतिक और परिवारिक विरासत को संभाल पाने मे अखिलेश यादव नाकाम साबित हुए है।

सांसद ने कहा मायावती ने तो गठबंधन के पहले दिन से ही अखिलेश यादव को अपरिपक्व और अनुभवहीन साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने गठबंधन से अलग होकर शायद इस बात के संकेत दिये कि जो अपने पिता-चाचा और परिवार का नहीं हुआ वो हमारा क्या होगा।   सांसद ने कहा कि जनता इन जातिवाद और धर्म की राजनीति करने वाले लोगों दलों को अब बर्दाश्त नहीं करेंगी। चाहे वो अकेले चुनाव लड़े या साथ मिलकर।

 

 


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Ruby

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